Thursday, March 26, 2009

जो सहेगा वही रहेगा : मुनि तत्वरूचि

राजसमन्द। मुनि तत्वरूचि तरूण ने कहा कि जो सहेगा वही रहेगा। सहनशीलता के अभाव में तो अस्तित्व भी खतरे में पड़ जाता है। दुनियां में वही टिका जिसने सहना सीखा। उक्त विचार उन्होने गुरूवार को तेरापंथ भवन कांकरोली में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होने कहा जिन्हें खडा रहना है और बडा बनना है उन्हें सहन करना होगा। बिना सहिष्णुता के न शांति है न सफलता। सन्तुलित जीवन का अहम सूत्र है सहिष्णुता। अनुकूलता में फूलना और स्वयं को भूलना अथवा प्रतिकूलता में मुरझाना और पलायन करना विषमता है। समता का साधक सदा तटस्थ मध्यस्त रहे। समस्या का समाधान समता भाव से प्राप्त होगा। वास्तव में समता ही शाश्वत सुख का मार्ग है। जहां समता वहां आनन्द है जहां विषमता वहां आतंक है।
आध्यात्मिक अनुष्ठान आज : मुनि तत्वरूचि तरूण के सान्निध्य में शुक्रवार को तेरापंथ भवन कांकरोली में नव संवत्सर के अवसर पर वृहद मंगल पाठ और आध्यात्मिक अनुष्ठान के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। तेरापंथ सभाध्यक्ष महेन्द्र कुमार कोठारी ने बताया कि अनुष्ठान में समाज की सभी संस्थाएं भाग लेंगी।

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