राजसमन्द। मेंगटिया ढाणी में आनन्दमार्ग के साधकाें ने बुधवार को बाबा नाम केवलम कीर्तन कार्यक्रम आयोजित किया। समारोह में स्थानीय ग्रामीणाें ने बडे उत्साह से भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रभात संगीत प्रस्तुत कर अवधुतिका आनन्द मधुमया ने किया। इस अवसर पर आचार्य गोपमयानन्द अवधूत ने प्रवचन करते हुए कहा कि कीर्तन साधना में सहायक है। इससे कुल दन्डलिनी मूलाधार चक्र से सहस्त्राचार चक्र तक उर्ध्वगामी हो जाती है तथा साधक स्वयं को परम पुरूष की निकटता अनुभव करता है। आनन्द मार्ग मुक्ति प्रधान डॉ विजयकुमार खिलनानी ने साधना में उच्चतम आध्यात्मिक अनुभूतियाें का वर्णन किया। डॉ खिलनानी ने कहा कि साधक का मन सदैव प्रभु का स्मरण करता है। वाणी से निरन्तर उनके गुणाें का गान होता है। आचार्य विशिष्टा एवं अवधूतिका आनन्दमधुमया ने स्थानीय रेबारी व गाडरी महिलाओ को आध्यात्मिक साधना करने के लिए प्रेरित किया।
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