Wednesday, March 25, 2009

संगठन की सजग प्रहरी है, मर्यादाएं: मुनि तत्वरूचि

राजसमन्द। मुनि तत्वरूचि ने कहा कि मर्यादाएं संगठन की सजग प्रहरी होती है। किसी भी समाज, संस्था और संगठन की एकता व अखंडता का आधार मर्यादा होती है। मर्यादाहीन संगठन का कोई अस्तित्व भी नहीं होता। मर्यादाएं संगठन की प्राण हाती है। जैस प्राण रहित शरीर का कोई महत्व नहीं वैसे ही मर्यादा रहित संगठन का भी कोई महत्व नहीं होता। उक्त विचार मुनि ने बुधवार को तेरापंथ भवन कांकरोली में धर्मसभा के बीच मर्यादा पत्र का वाचन करते हुए व्यक्त किए। उन्होने कहा आचार्य भिक्षु तेरापंाि संगठन के मर्यादाकर्ता ही नहीं बल्कि मर्यादा के प्रतिनिष्ठा पैदा करने वाले भी है। उन्होने मर्यादा निर्माण के पीछे जो उद्देश्य रखा वह है न्याय, संविभाग एवं समभाव की वृध्दि तथा पारस्परिक प्रेम, सौहार्द व समन्वय का विकास। इस अवसर पर मुनि भवभूति, मुनि कोमल, मुनि विकास ने भी विचार व्यक्त किए। नव संवत्सर पर होगा आध्यात्मिक अनुष्ठान : मुनि तत्वरूचि तरूण के निर्देशन में तेरापंभ भवन कांकरोली में नव संवत्सर के अवसर पर वृहद मंगल पाठ तथा आध्यात्मिक अनुष्ठान होगा। तेरापंथ सभाध्यक्ष महेन्द्र कोठारी ने बताया कि यह कार्यक्रम शुक्रवार 27 मार्च को प्रात: साढे नौ बजे होगा। 28 मार्च शनिवार को प्रात: साढे नौ बजे मुनि के प्रति मंगल भावना समारोह आयोजित किया जाएगा।

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