Monday, March 23, 2009

राजस्थान हुआ अराजकता का शिकार : किरण

राजसमन्द। भारतीय जनता महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राजसमन्द विधायक किरण माहेश्वरी ने राय में 100 दिनाें के कांग्रेस के शासन को अराजकता और अत्याचार फैलाने वाला बताया। किरण ने कहा कि कांग्रेस ने स्थानान्तरण उद्योग में नया कीर्तिमान स्थापित किया हे। राय सरकार की एकमात्र उपलब्धि प्रशासन का राजनीतिकरण और लोकहित के सारे कार्यों को रोक देना है। इस सरकार में न तो विश्वसनीयता है न ही विश्वास की झलक। कांग्रेस सरकार पर प्रतिशोध की राजनीति का आरोप लगाते हुए किरण ने कहा कि पूर्व सरकार के निर्णयाें की समीक्षा के नाम पर पूरा प्रशासन निठल्ला बैठा हुआ है। राय की विकास रेल प्रगति की पटरी से उतर गई है। राय अकाल एवं पेयजल के गंभीर संकट से त्रस्त है। स्वजल धारा योजना और गुरू गोलवलकर सहभागिता योजना में वित्त आवंटन पूरी तरह से रोक दिया गया है। इन योजनाआें में कई कार्यों के लिए जन सहयोग की भारी राशि सरकार के पास जमा है। हेण्ड पम्पाें की स्वीकृति और अनुरक्षण का कार्य ठप्प पडा है। महत्वकांक्षी देवास योजना पर वित्त आवंटन के अभाव में कार्य बन्द हो गया है। भू जल पुनर्भरण योजना में कोई प्रगति नहीं हो रही है। किरण ने कहा कि किसान अनावृष्टि से संकटग्रस्त है। बिजली के सामान दराें के बिलाें का भुगतान उन पर भारी पड रहा है। सरकार को किसानों को वास्तविक उपभोग के आधार पर भुगतान का विकल्प देना चाहिए। ग्रामीण अंचलाें में पशु चारा के आगार प्रारंभ नहीं करके सरकार ने गांव, गरीब और किसानाें ेक प्रति उपेक्षा दिखाई है। केन्द्र प्रवर्तित विद्युतीकरण योजना में 70 प्रतिशत कार्य पूर्व सरकार के कार्यकाल में पूरा हो चुका था। शेष रही योजनाओं पर कोई कार्य नहीं हो रहा है। योजना आयोग ने भी कहा है कि सरकार के पास कृषि विविधीकरण और वर्षा जल संरक्षण की कोई दृष्टि ही नहीं है। कृषि अवसंरचना और मूलभूत संरचना कार्यों की भी पूर्ण उपेक्षा की जा रही है। विद्यालय क्रमोन्नत करने, विद्यार्थियाें की पढाई बीच में छोडने की दर में कमी लाने एवं शिक्षा में गुणवत्ता बढाने के कार्य भी शिथिल हो गये हैं। अपराधियाें को प्रश्रय एवं भ्रष्टाचार को बढावा दिया जा रहा है। विद्युत आपूर्ति में कटौती सामान्य दिनचर्या बन गई है। कांग्रेस और अकाल में चोली दामन का साथ है। किरण ने कांग्रेस सरकार को हर मोर्चे पर विफल ओर प्रतिगामी बताया। 100 दिनाें में प्रशासन पंगु और आम आदमी निराश है।

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