राजसमन्द। भारत विकास परिषद राजसमन्द द्वारा शुक्रवार 27 मार्च को नव संवत्सर का स्वागत धूमधाम से किया जाएगा।
भाविप के मिडिया प्रभारी कुशलेन्द्र दाधीच ने बताया कि नव वर्ष की प्रभात वेला में प्रात: साढे सात बजे से नौ बजे तक कांकरोली चौपाटी, कबूतर खाना राजनगर, जिला परिषद चौराहा सौ फिट रोड पर परिषद सदस्याें द्वारा नागरिकाें का तिलक लगाकर अभिनंदन कर काली मिर्च, नीम व मिश्री का प्रसादइ देकर नववर्ष की शुभकामनाएं दी जाएगी। परिषद द्वारा नववर्ष के उपलक्ष्य में नगर के प्रमुख स्थानाें पर स्वागत द्वार लगाए जा रहे हैं तथा महिला सदस्य घर घर जाकर महिलाआें से दीप जलाकर नववर्ष का स्वागत करने का आग्रह कर रही हैं। नववर्ष की संध्या पर रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। जिसमें प्रमुख सामाजिक संगठन शहर के मुख्य स्थानाें पर रंगोली बनाकर दीप साा करेंगे।
आलोक संस्थान : नववर्ष समारोह समिति उदयपुर व आलोक संस्थान राजसमन्द के संयुक्त तत्वावधान में नववर्ष की पूर्व संध्या पर पवित्र योति कलश संस्कृति चेतना यात्रा के साथ शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। प्राचार्य सुनील त्रिपाठी ने बताया कि विदा संवत 2065 व विक्रम संवत 2066 का परंपरागत रूप से भव्य स्वागत किया जाएगा। पवित्र योति कलश संस्कृति चेतना यात्रा शहर के द्वारिकाधीश मंदिर से रवाना हुई। मंदिर के तिलकायत महाराज ने इस पवित्र योति को प्रावलित करके शोभायात्रा को रवाना किया व नव संवत्सर की शुभकामनाएं दी। शोभा यात्रा में राम-लक्ष्मण, कृष्ण-राधा, हनुमान व विक्रमादित्य सहित अन्य देवी-देवताओं की झांकिया सुसाित थी साथ ही भव्य योति कलश भी शामिल था। शोभायात्रा मंदिर से रवाना होकर मुखर्जी चौराहा, जेके मोड, चोपाटी, बस स्टेण्ड, जलचक्की, 100 फिट रोड कलेक्ट्री, नगरपालिका एवं आवरीमाता मंदिर से होते हुए जलचक्की पहुंची। शोभायात्रा में अलोक संस्थान के प्रशासक मनोज कुमावत, विद्यालय के प्राचार्य सुनील त्रिपाठी तथा स्टॉफ सदस्य व बालकों के परिजन उपस्थित थे। शोभायात्रा के जलचक्की पहुंचने पर उसका नागरिकाें द्वारा स्वागत किया गया। जहां एक दीया संस्कृति के नाम स्वरूप भारत माता के चित्र पर 108 दीप प्रवलित किए गए व संवत 2065 को विदाई दी गई। दीप प्रवलन के बाद भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत विचित्र वेशभूषा प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें बच्चाें ने बडे उत्साह के साथ भाग लिया।
कार्यक्रम के अंत में भारत माता के चित्र के समक्ष महाआरती की गई। कार्यक्रम का संचालन देवेन्द्र कुमावत व तिलकेश कुमावत ने किया।
नव वर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष व आलोक संस्थान के संस्थापक श्यामलाल कुमावत व नववर्ष समारोह समिति के राष्ट्रीय सचिव डॉ प्रदीप कुमावत ने नववर्ष की पूर्व संध्या पर शहरवासियाें को नव संवत्सर की शुभकामनाएं दी।
भाविप के मिडिया प्रभारी कुशलेन्द्र दाधीच ने बताया कि नव वर्ष की प्रभात वेला में प्रात: साढे सात बजे से नौ बजे तक कांकरोली चौपाटी, कबूतर खाना राजनगर, जिला परिषद चौराहा सौ फिट रोड पर परिषद सदस्याें द्वारा नागरिकाें का तिलक लगाकर अभिनंदन कर काली मिर्च, नीम व मिश्री का प्रसादइ देकर नववर्ष की शुभकामनाएं दी जाएगी। परिषद द्वारा नववर्ष के उपलक्ष्य में नगर के प्रमुख स्थानाें पर स्वागत द्वार लगाए जा रहे हैं तथा महिला सदस्य घर घर जाकर महिलाआें से दीप जलाकर नववर्ष का स्वागत करने का आग्रह कर रही हैं। नववर्ष की संध्या पर रंगोली प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। जिसमें प्रमुख सामाजिक संगठन शहर के मुख्य स्थानाें पर रंगोली बनाकर दीप साा करेंगे।
आलोक संस्थान : नववर्ष समारोह समिति उदयपुर व आलोक संस्थान राजसमन्द के संयुक्त तत्वावधान में नववर्ष की पूर्व संध्या पर पवित्र योति कलश संस्कृति चेतना यात्रा के साथ शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। प्राचार्य सुनील त्रिपाठी ने बताया कि विदा संवत 2065 व विक्रम संवत 2066 का परंपरागत रूप से भव्य स्वागत किया जाएगा। पवित्र योति कलश संस्कृति चेतना यात्रा शहर के द्वारिकाधीश मंदिर से रवाना हुई। मंदिर के तिलकायत महाराज ने इस पवित्र योति को प्रावलित करके शोभायात्रा को रवाना किया व नव संवत्सर की शुभकामनाएं दी। शोभा यात्रा में राम-लक्ष्मण, कृष्ण-राधा, हनुमान व विक्रमादित्य सहित अन्य देवी-देवताओं की झांकिया सुसाित थी साथ ही भव्य योति कलश भी शामिल था। शोभायात्रा मंदिर से रवाना होकर मुखर्जी चौराहा, जेके मोड, चोपाटी, बस स्टेण्ड, जलचक्की, 100 फिट रोड कलेक्ट्री, नगरपालिका एवं आवरीमाता मंदिर से होते हुए जलचक्की पहुंची। शोभायात्रा में अलोक संस्थान के प्रशासक मनोज कुमावत, विद्यालय के प्राचार्य सुनील त्रिपाठी तथा स्टॉफ सदस्य व बालकों के परिजन उपस्थित थे। शोभायात्रा के जलचक्की पहुंचने पर उसका नागरिकाें द्वारा स्वागत किया गया। जहां एक दीया संस्कृति के नाम स्वरूप भारत माता के चित्र पर 108 दीप प्रवलित किए गए व संवत 2065 को विदाई दी गई। दीप प्रवलन के बाद भारतीय संस्कृति से ओतप्रोत विचित्र वेशभूषा प्रतियोगिता आयोजित की गई जिसमें बच्चाें ने बडे उत्साह के साथ भाग लिया।
कार्यक्रम के अंत में भारत माता के चित्र के समक्ष महाआरती की गई। कार्यक्रम का संचालन देवेन्द्र कुमावत व तिलकेश कुमावत ने किया।
नव वर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष व आलोक संस्थान के संस्थापक श्यामलाल कुमावत व नववर्ष समारोह समिति के राष्ट्रीय सचिव डॉ प्रदीप कुमावत ने नववर्ष की पूर्व संध्या पर शहरवासियाें को नव संवत्सर की शुभकामनाएं दी।
No comments:
Post a Comment