राजसमन्द। भारत यात्रा के तहत धर्म रक्षा मंच की ओर से आयोजित संत यात्रा कार्यक्रम की धर्म सभा कांकरोली स्थित बालकृष्ण विद्या भवन विद्यालय के बाहर हुई।
धर्म रक्ष मंच के जिला संयोजक गिर्राज प्रसाद मुदगल ने बताया कि जिले में विशाल संत रथ यात्रा खमनोर से प्रारंभ होकर नाथद्वारा होती हुई अपराह्न करीब साढे तीन बजे पीपरड़ा पहुंची जहां विविध संगठनों एवं क्षेत्र की जनता ने फूलमालाओं की वर्षा कर प्रभु श्रीराम के दर्शनों का लाभ लिया। पीपरड़ा बस स्टेण्ड से संत यात्रा वाहनों के काफीले के साथ राजनगर क्षेत्र पहुंची जहां जगह-जगह श्रध्दालुओं ने दर्शन कर फूलमालाओं से स्वागत किया। यह यात्रा शहर के विभिन्न मार्गो से होकर शाम पांच बजे कांकरोली बालकृष्ण विद्यालय के बाहर पहुंची और धर्म सभा में परिवर्तित हो गई।
सभा के दौरान भारत के विभिन्न स्थानों से आए संतों का तिलक, उपरना एवं शॉल से अभिनंदन किया गया। धर्मसभा में संतो ने कहा कि आज विश्व का महान राष्ट्र भारत आतंकवाद से गिरा हुआ है। हिन्दू र्ध के मंदिरों को चुन-चुन कर निशाना बनायाा जा रहा है हिन्दुस्तान में एक षडयंत्रपूर्वक हिंदुओं की संख्या को घटाने का तुच्छ प्रयास किया जा रहा है। हिन्दू धर्म मजबूत न हो इसके लिए संतों को निशाना बनाया जा रहा है। भारत की सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। केन्द्र सरकार हिंदू धर्म के संतों को आतंकवादी घोषित करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रही। हिंदूओं की संस्कृति मानव को सन्मार्ग दिखाती है। पुनित कार्य करने वाले धर्म को खण्डित करने का षडयंत्र बड़ी साजिश के तहत रचा जा रहा है। हिंदुओं को अब जागना होगा। राष्ट्र की रक्षा के लिए आगे आना होगा नहीं तो देश की कमजोर सरकारों के भरोसे इस महान देश की संस्कृति विलुप्त हो जाएगी। धर्म सभा में संतों ने अयोध्या में भगवान राम के मंदिर को विशाल रूप दिए जाने पर भी बल दिया। धर्म सभा को संत अनंत विभूषित महंत हरिओम शरणदास, गोपाल दास महाराज, योगीराज निरंजना नंदबाबा, नारायण दास महाराज सहित संत जत्थे के रूप में विराजमान थे।
धर्म रक्ष मंच के जिला संयोजक गिर्राज प्रसाद मुदगल ने बताया कि जिले में विशाल संत रथ यात्रा खमनोर से प्रारंभ होकर नाथद्वारा होती हुई अपराह्न करीब साढे तीन बजे पीपरड़ा पहुंची जहां विविध संगठनों एवं क्षेत्र की जनता ने फूलमालाओं की वर्षा कर प्रभु श्रीराम के दर्शनों का लाभ लिया। पीपरड़ा बस स्टेण्ड से संत यात्रा वाहनों के काफीले के साथ राजनगर क्षेत्र पहुंची जहां जगह-जगह श्रध्दालुओं ने दर्शन कर फूलमालाओं से स्वागत किया। यह यात्रा शहर के विभिन्न मार्गो से होकर शाम पांच बजे कांकरोली बालकृष्ण विद्यालय के बाहर पहुंची और धर्म सभा में परिवर्तित हो गई।
सभा के दौरान भारत के विभिन्न स्थानों से आए संतों का तिलक, उपरना एवं शॉल से अभिनंदन किया गया। धर्मसभा में संतो ने कहा कि आज विश्व का महान राष्ट्र भारत आतंकवाद से गिरा हुआ है। हिन्दू र्ध के मंदिरों को चुन-चुन कर निशाना बनायाा जा रहा है हिन्दुस्तान में एक षडयंत्रपूर्वक हिंदुओं की संख्या को घटाने का तुच्छ प्रयास किया जा रहा है। हिन्दू धर्म मजबूत न हो इसके लिए संतों को निशाना बनाया जा रहा है। भारत की सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। केन्द्र सरकार हिंदू धर्म के संतों को आतंकवादी घोषित करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रही। हिंदूओं की संस्कृति मानव को सन्मार्ग दिखाती है। पुनित कार्य करने वाले धर्म को खण्डित करने का षडयंत्र बड़ी साजिश के तहत रचा जा रहा है। हिंदुओं को अब जागना होगा। राष्ट्र की रक्षा के लिए आगे आना होगा नहीं तो देश की कमजोर सरकारों के भरोसे इस महान देश की संस्कृति विलुप्त हो जाएगी। धर्म सभा में संतों ने अयोध्या में भगवान राम के मंदिर को विशाल रूप दिए जाने पर भी बल दिया। धर्म सभा को संत अनंत विभूषित महंत हरिओम शरणदास, गोपाल दास महाराज, योगीराज निरंजना नंदबाबा, नारायण दास महाराज सहित संत जत्थे के रूप में विराजमान थे।
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