Thursday, March 5, 2009

दुर्घटनाओं की कमी के लिए सुझावों के साथ क्रियान्वयन के निर्देष

राजसमन्द। जिला यातायात प्रबन्ध समिति सलाहकार समिति की बैठक गुरूवार को जिला कलक्टर ओंकार सिंह की अध्यक्षता में कलक्टेªट सभागार में आयोजित हुई जिसमें समिति सदस्यों ने दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए सुझाव प्रस्तुत किए वही जिला कलक्टर ने सुझावों पर क्रियान्वयन के निर्देष दिए।
बैठक में आर.के.चिकित्सालय से होते हुए राउण्ड आधारित सीटी बस चलाने के लिए जिला परिवहन अधिकारी से चर्चा की गई जिससे चिकित्सा के लिए रोगियों को सस्ती दर पर परिवहन सुविधा सुलभ हो सके। इसके अलावा सड़को पर बने बडे़ गति अवरोधको को कम करने तथा उन पर वाईटवाष करने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को निर्देष दिए।
बैठक में निजी विद्यालयों द्वारा विद्यार्थियों को लाने ले जाने वाली बाल वाहिनियों पर बाल वाहिनी लिखा अंकित करने के साथ ही अनुभवी वाहन चालको को लगाने इसके अलावा बच्चों को चढाने उतारने में सहायक लगाने के लिए षिक्षण संस्थाओं को निर्देष जारी करने के लिए षिक्षा विभाग के अधिकारी को निर्देष दिए।
इसी संदर्भ में जिला परिवहन अधिकारी एवं यातायात पुलिस को इन वाहनों की ओवर लोड़िग की आकस्मिक जांच करने तथा चालान बनाने के भी निर्देष दिए।
जिला कलक्टर ने ऐसे वाहन जिनमें बसे जो असेवायोग्य एवं जर्जर अवस्था में संचालित है उनकी चैकिग कर उनके फिटनेस निरस्त करने के भी जिला परिवहन अधिकारी को निर्देष दिए।
बैठक में जिला पुलिस अधीक्षक डाॅ.नितीन दीप बल्लग्गन ने जिले की सम्पर्क सड़को का नक्षा उपलब्ध कराने के लिए कहा जिस पर होने वाली दुर्घटनाओं का आंकलन सड़कवार कर उनके कारणों का पता लगाया जा सके। उन्होने बताया कि नेषनल हाईवे पर दो वाहन हाईवे पेट्रोलिग के तहत संचालित है, उसके साथ परिवहन विभाग के दस्तें को भी सम्मिलित कर दुर्घटनाओं की रोकथाम के सार्थक प्रयास किए जाए। जिले में मांग के अनुरूप यातायात के लिए राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम एवं निजी बसों के संचालन से संबंधित भी विचार विमर्ष किया गया।
इस अवसर पर रेडक्राॅस सोसायटी के मानद सचिव राजकुमार दक ने लापस्या-खण्डेल एवं मादडी चैराहा सहित नेषनल हाईवे पर बने गति अवरोधको को सही एवं कम करने के साथ केलवा चैपाटी सड़क पर वाहनों का जमावडा होने से दुर्घटनाओं की शंकाओं से बचने के लिए यातायात विभाग द्वारा चैकिग कर ऐसे खड़े वाहनों के चालान बनाकर उन्हे पाबन्द करने का सुझाव दिया। इसी के साथ दुर्घटनाओं के कमी लाने के लिए जन जागृति के साथ ही बिना रिफलेक्टर वाले वाहनों पर रिफलेक्टर लगाना अनिवार्य करने का भी सुझाव दिया।

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