राजसमन्द। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आरके मार्बल द्वारा आगामी चार जुलाई तक पर्यावरण जागरूकता माह मनाने का निर्णय लिया गया। इस अवसर पर आयोजित पत्रकार वार्ता में आरके मार्बल के उपाध्यक्ष खान परमानन्द पाटीदार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए आम जन में रूझान बाने के लिए माह में किए जाने वाले कार्यों का ऐजेण्डा प्रस्तुत किया। उन्होने खनन को भौतिक युग की जरूरत बताते हुए कहा कि यह खान मालिक एवं प्रबंधन की सोच पर निर्भर करता है कि यह खनने कार्य से हुए पर्यावरण असंतुलन को किस प्रकार संतुलित करता है। पाटीदार ने कहा कि इस दोरान विभिन्न आयोजन भी किए जाएंगे जिसमें विशेषत: राजसमन्द झील संरक्षण अभियान में आरके मार्बल की मशीनों व कर्मचारियाें द्वारा श्रमदान, संस्थान में एक अतिरिक्त नर्सरी की स्थापना, खान के चाराें ओर ग्रीन बेल्ट विकसित करना, निकटवर्ती ग्राम पंचायतों, सामुदायिक भवनाें व संस्थान द्वारा निर्मित विद्यालयाें जैसे पिपलांत्री, मुण्डोल, पूठोल, गोवलिया, छोटी व बडी मोरवड आदि में छात्र छात्राआें द्वारा पौधारोपण उन्हें पर्यावरण के प्रति जागृत करने के लिए निबन्ध प्रतियोगिता का आयाजन व पुरस्कार वितरण, आरके चिकित्सालय, जिलाशीध कार्यालय एवं पुलिस अधीक्षक कार्यालय परिसर में पोधारोपण व पर्यावरण रैली का आयोजन, ग्राम पिपलांत्री से ग्राम उमठी तक सडक के दोनो ओर पोधोरोपण, इनएक्टीव डम्प यार्ड पर मिट्टी बिछाकर पौधारोपण, भूजल स्तर को ऊंचा करने के लिए चैक डेम बनवाना तथा वर्षा के पानी को राजसमन्द झील तक पहुंचाने में अवरूध्द नालों के सफाई कार्य, आसपास की खान व मार्बल प्रतिष्ठानों में पर्यावरण जागरूकता के लिए नि:शुल्क पौध व पेमप्लेट वितरा आदि शामिल है। उन्होने बताया कि विगत 16 वर्षों में लगभग 60 हजार पौधे लगाए गए जिसमें से लगभग 95 प्रतिशत पौधे जीवित है। संस्थान का एक अपना प्लान्टेशन विभाग है जो कि संस्थान द्वारा लगाए गए पौधो की देखरेख के लिए उत्तरदायी है। संस्थान के उपाध्यक्ष अभियांत्रिकी एके श्रीमाली ने बताया कि संस्थान परिसर में डेढ लाख लीटर प्रतिदिन पानी की क्षमता वाला एक सिवरेज ट्रीटमेंट प्लान्ट स्थापित किया गया है जिसमे गन्दे पानी का रि-साइकलिंग कर उस का उपयोग पौधारोपण व पौधो को सींचित करने में किया जाता है। अन्त में परमानन्द पाटीदार ने पर्यावरण जागरूकता माह मनाने का मुख्य उद्देश्य बताते हुए अन्य मार्बल माइनिंग प्रतिष्ठानाें से अपील की है कि पर्यावरण संरक्षण के कार्यों के प्रति वे भी अपनी वचनबध्दता निभाएं।
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