राजसमन्द। शिक्षा से व्यक्ति के चिंतन क विकास होता है और चेतनाशील होकर कर्मशीलता से व्यक्तित्व का विकास करता है। शिक्षा ही मानव में मानवीयता का गुण उत्पन्न करती है।
यह विचार शिक्षाविद् चतुर कोइारी ने सुभाशीष संस्थान राजनगर के षष्टम स्थापना दिवस पर व्यक्त किए। समारोह के अध्यक्ष मांगीलाल मादरेचा थे और विशिष्ट अतिथि अर्जुन लाल कावडिया। कार्य समिति सदस्य हितेष जोशी ने भी विचार व्यक्त किए। संस्थापक मुकेश वैष्णव ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान की प्रगति पर विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर भारती प्रजापत एवं प्रिया धीमान ने नृत्य प्रस्तुत किया। पर्यावरण सुरक्षा पर आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में पंकज लौहार प्रथम, कार्तिक मादरेचा द्वितीय एवं इमरान हुसैन तृतीय रहे।
यह विचार शिक्षाविद् चतुर कोइारी ने सुभाशीष संस्थान राजनगर के षष्टम स्थापना दिवस पर व्यक्त किए। समारोह के अध्यक्ष मांगीलाल मादरेचा थे और विशिष्ट अतिथि अर्जुन लाल कावडिया। कार्य समिति सदस्य हितेष जोशी ने भी विचार व्यक्त किए। संस्थापक मुकेश वैष्णव ने अतिथियों का स्वागत करते हुए संस्थान की प्रगति पर विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर भारती प्रजापत एवं प्रिया धीमान ने नृत्य प्रस्तुत किया। पर्यावरण सुरक्षा पर आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में पंकज लौहार प्रथम, कार्तिक मादरेचा द्वितीय एवं इमरान हुसैन तृतीय रहे।
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