Thursday, June 4, 2009

सीखने की कोई उम्र नहीं होती: मुनि जतन कुमार

राजसमन्द। मुनि जतन कुमार लाडनूं ने कहा कि नया ज्ञान प्राप्त करने के लिए हर समय व्यक्ति को तैयार रहना चाहिए। सीखने की कोई उम्र नहीं होती। जिज्ञासा भाव रखने वाला ही सीखता है और आगे बढता है। चाहे छोटा हो या बडा हर किसी से सीखा जा सकता है। उक्त विचार उन्होने मंगलवार को बोरज के तेरापंथ भवन में प्रवचन के दौरान व्यक्त किए। उन्होने कहा कि समय समय की पूंजी पेसे भी यादा मूल्यवान होती है, इसे व्यर्थ न जाने दें। एक एक क्षण का बडा महत्व होता है। मुनि आनन्द कुमार ने कहा कि भारतीय संस्कृति और जैन परम्परा में सही ज्ञान उसे माना जाता है जिसे प्राप्त कर इन्द्रिय मन की चंचलता कम होती है, वृतियां परिमार्जित होती है, मैत्री, प्रमोद भाव, करूणा भाव का स्त्रोत फूटता है, एक दूसरे के विचार एवं मंतव्य को सहने की क्षमता बढती है।

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