Thursday, June 4, 2009

पृथ्वीराज कच्छारा स्मृति सभा का आयोजन

राजसमन्द। अणुव्रत सेवी, श्रावक व अणुविभा के पूर्व कार्याध्यक्ष पृथ्वीराज कच्छारा का एक जून को मुम्बई में सन्थारापूर्वक समाधि मरण हुआ। अणुविभा राजसमन्द में पृथ्वीराज कच्छारा की स्मृति में स्मृति सभा का आयोजन किया गया। स्मृति सभा में अणुविभा, अणुव्रत शिक्षक संसद, साधना शिखर, भिखु बोधि स्थल राजनगर , तेरापंथ महिला मंडल राजनगर, तेरापंथ महिला मंडल कांकरोली, तेरापंथी सभा कांकरोली, पहल संस्थान व अन्य विविध संस्थाआें के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। स्मृति सभा में चतुर कोठारी, भंवरलाल वागरेचा, दरियावसिंह कर्णावट, जगजीवन चोरडिया, सागरमल कावडिया, बालमुकुन्द सनाढय, पुष्पा कर्णावट, लाड मेहता, विमल जैन, विनोद बडाला, रमेश चपलोत, सरवर खां पठान व डॉ हीरालाल श्रीमाली ने पृथ्वीराज कच्छारा को जन-जन का प्रिय व मनुष्यता का मूर्त स्वरूप बताया। अशोक डूंगरवाल ने कच्छारा के व्यक्तित्व एवं कृतत्व पर प्रकाश डालते हुए स्मृति सभा का संचालन किया। उल्लेखनीय है कि विगत 25 वर्षों कच्छारा अपनी जिम्मेदारियाें से निवृत होकर समाज सेवा व आध्यात्मिक उन्नयन में संलग्न रहे। कच्छारा को अनेक संस्थाआें के आधार स्तम्भ व तेरापंथ समाज में मेवाड के भामाशाह के रूप में जाना जाता है।

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