राजसमन्द। भारत के संविधान में प्रदत्त अधिकाराें की प्राप्ति संगठन एकता के बिना प्राप्त नहीं हो सकती इसके लिए प्रदेश स्तर पर संगठन को मजबूत होना होगा। उक्त विचार अखिल राजस्थान अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछडी जाति अधिकारी कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रदेशव्यापी दौरे के दौरान शनिवार को महासंघ की बैठक को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होने कहा कि राजस्थान में आरक्षित वर्ग के करीब 50 हजार पदो का बैक लॉग अधिशेष चल रहा है, राजस्थान में करीब एक हजार निजी संस्थान सरकार से मान्यता प्राप्त है जिनमें आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है।सरकारी कर्मचारियाें को पदौन्नति लाभ से वंचित करने के लिए कन्सीडरेशन जोन की गलत व्यवस्था कर रखी है तथा पदौन्नति में आरक्षण का पूरा लाभ नहीं देने से प्रदेश के आरक्षित वर्ग में रोष व्याप्त है। बैठक को महासंघ के प्रदेश महासचिव दुर्गालाल बारेठ, वरिष्ठ उपाध्याय हजारीलाल बैरवा, प्रदेश कोषाध्यक्ष कल्याण सहाय मीणा, राजसमन्द जिलाध्यक्ष शिवलाल ने सरकार से मांग की है कि लाखो बेरोजगार युवाआें को आरक्षण का लाभ देते हुए रोजगार देवे तथा पदौन्नति एवं नवनियुक्तियाें में पूरा बैक लॉग भरकर ही नियुक्तियां देवें। इस अवसर पर किशन कबीरा, सुरेश चरनाल, मदनलाल रेगर, मोहनलाल मीणा, राजस्थान शारीरिक शिक्षक संघ संस्कृत शिक्षा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष मदनसिंह रावल, ओम प्रकाश कलोसिया, मानू राम पूर्बिया, एसके धुडिया, एसपी चौहान, एवं एमएल पलिया ने भी बैठक को सम्बोधित किया। धन्यवाद बिहारीलाल पंवार ने ज्ञापित किया।
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