Sunday, June 21, 2009

आचार्य महाप्रज्ञ का जन्मोत्सव प्रज्ञा दिवस के रूप में मनाया

राजसमन्द। तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्य महाप्रज्ञ के 90 वें जन्मोत्सव को रविवार को कांकरोली स्थित प्रज्ञा विहार में प्रज्ञा दिवस समारोह के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर साध्वी सोमलता ने कहा कि महान बनने के चार सूत्र होते हैं। महावीर शेली सहिष्णुता, सरलता, विवेकानन्द जैसा निष्काम भाव एवं बुध्द जैसा समभाव रखने से ही मानव महान बनता है। आचार्य महाप्रज्ञ ने इन्हीं को अपने जीवन में उतारा व महान बनें। अपनी समस्याआें के लिए महाप्रज्ञ के जीवन को पढना चाहिए। महाप्रज्ञ ने अपनी मां के प्रति समर्पण का संकल्प लिया। इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि डॉ रचना तेलंग ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ न केवल तेरापंथ न केवल जैन धर्म बल्कि वे पूरी मानव जाति के आचार्य हैं। समारोह की अध्यक्षता करते हुए तेरापंथ सभा कांकरोली के अध्यक्ष महेन्द्र कोठारी ने स्वागत उद्बोधन दिया। समारोह में कन्या मंडल द्वारा मंगलाचरण, महिला मंडल द्वारा गीतिका व धर्मेश डांगी द्वारा वक्तव्य प्रस्तुत किया। इस अवसर पर साध्वी कान्तियशा, शकुन्तला, प्रेक्षा एवं कृतिज्ञा ने गीतिका व उद्बोधन से महाप्रज्ञ के प्रति कृतज्ञता प्रकट की।
तेयुप अध्यक्ष प्रमोद सोनी ने कार्यक्रम का संचालन किया एवं मंत्री कमलेश बोहरा ने आभार प्रकट किया। डॉ रचना तेलंग का इन्दिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार से सम्मानित होने पर तेरापंथ सभा काकरोली द्वारा अभिनन्दन किया गया एवं अध्यक्ष महेन्द्र कोठारी व उपाध्यक्ष सुरेन्द्र मेहता द्वारा आचार्य श्री की तस्वीर व साहित्य से सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में धोइन्दा से बापूलाल कच्छारा, नमाणा से मांगीलाल कर्णावट, राजनगर से रमेश चपलोत, अशोक डूंगरवाल, भंवर वागरेचा, लादूलाल मेहता, रतन बापना, मंत्री सतीश पगारिया आदि श्रावक उपस्थित थे।

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