राजसमन्द। भारत विकास परिषद राजसमन्द के तत्वावधान में आयोजित आठ दिवसीय सम्पूर्ण स्वास्थ्य संवर्धन योग शिविर का समापन रविवार को गायत्री शक्तिपीठ पर हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि परिषद के प्रांतीय कोषाध्यक्ष दिनेश मित्तल थे। इस अवसर पर आठ दिनाें तक योग प्रशिक्षण देने वाली शांतिकुंज हरिद्वार से आयी योग प्रशिक्षिका कल्पना सिंह, नीलम पटेल, नयना मेहर का परिषद की ओर से इकलाई ओढाकर व भारतमाता की छवि भेंट कर सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में शाखा अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा कर्णावट तथा कार्यक्रम प्रभारी प्रहलाद मूंदडा उपस्थित थे। भाविप महासचिव कुशलेन्द्र दाधीच ने बताया कि गायत्री शक्तिपीठ सभागार में 14 जून से प्रारंभ हुए शिविर में देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार को छात्राआें द्वारा प्रतिदिन प्रात: पांच से सात बजे तक शिविरार्थियाें को सूक्ष्म व्यायाम, आसन, प्राणायाम, योग और ध्यान का प्रशिक्षण देते हुए इनके महत्व को भी बताया गया। आहार विहार के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। शिविर में उषापान जिसे पाश्चात्य देशों में वाटर थैरेपी भी कहा जाता है, इसके बारे में बताया गया और उसके बाद किए जाने वाले तीन महत्वपूर्ण आसन ताडासन, त्रियंक ताडासन ओर कटिचक्रासन का प्रशिक्षण दिया गया। शिविर में प्रज्ञा योग व्यायाम, नाडी शोधन, सूर्य भेदी, शीतली, भस्त्रिका, भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करवाया गया। शिविर में 50 से अधिक प्रतिभागियाें ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। मंच संचालन अधिवक्ता डूंगरसिंह कर्णावट व प्रमोद सोनी ने किया।
कार्यक्रम में शाखा अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा कर्णावट तथा कार्यक्रम प्रभारी प्रहलाद मूंदडा उपस्थित थे। भाविप महासचिव कुशलेन्द्र दाधीच ने बताया कि गायत्री शक्तिपीठ सभागार में 14 जून से प्रारंभ हुए शिविर में देव संस्कृति विश्वविद्यालय शांतिकुंज हरिद्वार को छात्राआें द्वारा प्रतिदिन प्रात: पांच से सात बजे तक शिविरार्थियाें को सूक्ष्म व्यायाम, आसन, प्राणायाम, योग और ध्यान का प्रशिक्षण देते हुए इनके महत्व को भी बताया गया। आहार विहार के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। शिविर में उषापान जिसे पाश्चात्य देशों में वाटर थैरेपी भी कहा जाता है, इसके बारे में बताया गया और उसके बाद किए जाने वाले तीन महत्वपूर्ण आसन ताडासन, त्रियंक ताडासन ओर कटिचक्रासन का प्रशिक्षण दिया गया। शिविर में प्रज्ञा योग व्यायाम, नाडी शोधन, सूर्य भेदी, शीतली, भस्त्रिका, भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास करवाया गया। शिविर में 50 से अधिक प्रतिभागियाें ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। मंच संचालन अधिवक्ता डूंगरसिंह कर्णावट व प्रमोद सोनी ने किया।
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