Monday, June 8, 2009
निकुंज में बिराजे घनश्याम राधे राधे ....
राजसमन्द। द आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से रविवार शाम को गोपालकृष्ण वाटिका में आयोजित दिव्य सत्संग में श्रोतागण भाव विभोर हो गए। मीडिया प्रवक्ता कुशलेन्द्र दाधीच ने बताया कि सत्संग के प्रारंभ में आलोक सनाढय ने गणपति वंदना प्रस्तुत की। इसके बाद आर्ट ऑफ लिविंग के प्रशिक्षक प्रवीण भैया ने कृष्ण गोविन्द गोपाल .., नारायण-नारायण गोविन्द हरे .., निकुंज में बिराजे घनश्याम राधे राधे .. आदि भजनो की मनमोहन प्रस्तुतियां देकर ऐसा समां बांधा कि श्रोतागण भाव विभोर हो कर झूमने लगे। सत्संग के दौरान प्रशिक्षक प्रवीण भैया ने पूर्णिमा के अवसर पर सभी को फुल मून मेडिटेशन करवाया। श्रोताआें ने बीस मिनट ध्यान में बैठकर दिव्य शांति का अनुभव किया। दिव्य सत्संग में बडी संख्या में श्रोतागण उपस्थित थे। सत्संग के अंत में दीक्षित परिवार की ओर से प्रवीण भैया तथा साथी कलाकाराें का इकलाई ओढाकर व द्वारिकाधीश प्रभु की छवि भेंटकर सम्मान किया गया।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment