राजसमन्द। मानस जितना ग्रन्थि मुक्त होगा जीवन उतना ही सहज और सरल बन जाएगा। द्वेष और मोह की ग्रन्थियां भेदभाव पैदा करती है। उक्त विचार श्रमण संघीय महामंत्री सौभाग्य मुनि ने जेन मुनियों के नगर प्रवेश के अवसर पर नागरिकाें द्वारा किए गए स्वागत एवं अभिनन्दन के उत्तर में व्यक्त किए। उन्होने साम्प्रदायिकता को भी एक ग्रन्थि बताया। इस अवसर पर मुनि जतन कुमार ने कहा कि जहां आत्मीयता होती है वहां अमृत की धारा बह जाती है। स्वागत कार्यक्रम का शुभारंभ मुनि आनन्द कुमार के मंगलाचरण से हुआ। कुलदीप मुनि एवं मुकुल मुनि एवं मदन धोका ने भी विचार व्यक्त किए। जैन अध्यक्ष एडवोकेट कैलाशचन्द्र बोल्या ने बताया कि स्वागत कार्यक्रम के तहत मुन मंडल के महावीर भवन प्रवेश के अवसर पर श्री संघ अध्यक्ष गणेश लाल पगारिया ने स्वागत उद्बोधन एवं गीतिका श्रीमती पीस्ता पगारिया ने प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन दिनेश बाबेल ने किया। इस अवसर पर शान्तिलाल हिंगड, शान्तिलाल बाबेल, महेश हिंगड, सन्तोष बाबेल, श्रीमती सान देवी बडाला, लक्ष्मी बोल्या आदि उपस्थित थे।
चातुर्मासिक प्रवेश कार्यक्रम : आचार्य महाप्रज्ञ की आज्ञा से मुनि तत्वरूचि तरूण 2009 का चातुर्मास आमेट में करेंगे। आमेट तेरापंथ सभाध्यक्ष कन्हैयालाल कच्छारा ने बताया कि मुनि तत्व अपने सहवर्ती संत मुनि भवभूति, मुनि कोमल, मुनि विकास के साथ 19 जून को आमेट नगर में प्रवेश करेंगे। चातुर्मासिक निवास स्थान लक्ष्मी बाजार स्थित तेरापंथ सभा भवन में एक जुलाई को प्रवेश करेंगे।
चातुर्मासिक प्रवेश कार्यक्रम : आचार्य महाप्रज्ञ की आज्ञा से मुनि तत्वरूचि तरूण 2009 का चातुर्मास आमेट में करेंगे। आमेट तेरापंथ सभाध्यक्ष कन्हैयालाल कच्छारा ने बताया कि मुनि तत्व अपने सहवर्ती संत मुनि भवभूति, मुनि कोमल, मुनि विकास के साथ 19 जून को आमेट नगर में प्रवेश करेंगे। चातुर्मासिक निवास स्थान लक्ष्मी बाजार स्थित तेरापंथ सभा भवन में एक जुलाई को प्रवेश करेंगे।
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