Wednesday, February 25, 2009

300 विद्यार्थियों ने लिया व्यसन मुक्ति का संकल्प

राजसमन्द। तेरापंथ युवक परिषद कांकरोली के तत्वावधान में बुधवार को राजकीय बालकृष्ण उच्च प्राथमिक विद्यालय में प्रार्थना सभा में जीवन विज्ञान अभियान शुरूआत करते हुए मुनि तत्वरूचि तरूण ने कहा कि जीवन विज्ञान जीने की सर्वाेत्तम कला है। इससे विद्यार्थियों के शिक्षा प्रणाली से विद्यार्थियों का बौद्धिक विकास तो हो रहा लेकिन भावनात्मक विकास नहंी होने से वे जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना नहंी कर पाते। यही कारण है कि पढाई में सफल होने वाला बालक जिंदगी की पाठशाला में विफल हो जाता है। उन्होने कहा कि जीवन विज्ञान शिक्षा का नया आयाम है। आज की शिक्षा प्रणाली में जो अपूर्णता है उसे पूर्णता प्रदान करता है। इसलिए जीवन विज्ञान शिक्षा का पूरक है। उन्होने बताया कि जीवन विज्ञान आचार्य तुलसी और आचार्य महाप्रज्ञ की शिक्षा जगत को अपूर्व देन है। इससे विद्यार्थी शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक और भावनात्मक विकास कर सकता है। मुनि तत्वरूचि ने सदाचार के लिए विद्यार्थियों को अणुव्रत के संकल्प करवाए। इस अवसर पर मुनि भवभूति, मुनि कोमल कुमार, मुनि विकास कुमार, तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष प्रमोद सोनी, स्कूल के अध्यापक अम्बालाल पालीवाल, भैरूलाल पूर्बिया आदि ने भी छात्र-छात्राओं को सम्बोधित किया। इस दौरान तेयुप के मंत्री कमलेश कुमार बोहरा, संगठन मंत्री योगेन्द्र कुमार चोरडिया, नवीन कुमार चोरडिया आदि उपस्थित थे।
जैन जीवन शैली व्याख्यान माला : मुनि तत्वरूचि तरूण ने कहा कि देश की सरहद पर तथा आतंकवादी हिंसा पर हमारा ध्यान बहुत जल्दी आकर्षित हो जाता है और उस पर प्रतिक्रियाओं का दौर भी शुरू होता है। लेकिन घर परिवार में आए दिन होने वाली हिंसा, कलह-कदाग्रह, लडाई-झगडे आदि की उपेक्षा करते है। जबकि घरेलू हिंसा पर अंकुश आवश्यक है। उक्त विचार मुनि ने बुधवार को तेरापंथ महिला मंडल के तत्वावधान में जैन जीवन शैली व्याख्यान माला के तीसरे दिन अहिंसा विषय पर प्रवचन करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर मुनि भवभूति, मुनि कोमल कुमार, मुनि विकास ने भी विचार व्यक्त किए। शुरूआत में तेरापंथ महिला मंडल की बहिनों ने जैन जीवन शैली गीत का संगान किया।

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