राजसमन्द। जिले के आमेट तहसील के भगवानपुरा गांव में लोक संस्कृति खेल राजा चंद मिलियागिरी पुत्र शायरवीर का मंचन हुआ। खेल के मार्मिक दृश्यों को देख ग्रामीण दर्शक भाव विभोर हो गए। चित्तौडगढ जिले के जीतिया (कपासन) भील समाज का भवई नृत्य रावल कला मंडल के कलाकार मथरालाल रावल, मुकेश रावल, बगतीराम रावल, देवीलाल, कालुलाल ने खेल का मंचन किया। रातभर किशनपुरिया, घोसूण्डी, आगरिया, सरदारपुरा, व आसपास के अनेको गांवो से अनेक ग्रामीणो ने इस नाटक का आनंद लिया। राजाचन्द मिनियागिरी रानी व पुत्र शायरगिरी की मार्मिक कथा सुन ग्रामीण जनों की आंखो से अश्रुधारा बह निकली। इस नाटक के हंसी के पात्र फुन्दीया बगतीराम ने भरपुर मनोरंजन कर दर्शकों का मन मोह लिया। मध्यान्तर बाद मुकेश रावल दोसर ने भगवान सांवरिया सेठ, जोगणिया माता, हनुमान जी, भैरूजी भजन की प्रस्तुतियां दी गई। हास्य नाटक भोपा भोपण, भोपाजी का भाव प्रस्तुत किया गया। रमेशचन्द्र ने लक्की बंजारा का रोल कर भरपुर मनोरंजन किया। कला मंडल के मुखिया ने बताया उनकी एक परम्परा है वे भील समाज के जजमानों के अलावा अन्य जातियों से इस मंचन के दौरान कोई भी आरती या अन्य में किसी से भी एक रुपया भी नहीं लेने का प्रण कई पीढियों से चला आ रहा है वे भील समाज के हर गांव में जाकर इस तरह के मंचन का खेल कई पीढियो से करते आ रहे हैं तथा अमरङ्क्षसह, लज्जावती, राजा हरिशचन्द्र, सती सावित्री, रूकमणी मंगल, पूर्णमल व सती सावित्री, भाई-बहिन आदि नाटको का मंचन करने में महारथ हासिल है।
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