Tuesday, February 24, 2009

अनेकान्त दृष्टि विग्रह नाशक और कलह शामक : मुनि तत्वरूचि

राजसमन्द। मुनि तत्वरूचि ने कहा कि अनेकान्त दृष्टि समाधान का सूत्र और विकास का मूल मंत्र है। एकान्त दृष्टि समस्या की जनक और विकास में अवरोधक है। यदि व्यक्ति शंातिपूर्ण सह अस्तित्व के साथ जीना चाहता है, कुछ नया करना और आगे बढना चाहता है तो उसे अनेकान्त दृष्टि का विकास करना होगा। उक्त विचार मुनि ने मंगलवार को तेरापंथ महिला मंडल के तत्वावधान में चल रहे जैन जीवन शैली व्याख्यान माला के अन्तर्गत दूसरे दिन अनेकान्त विषय पर प्रवचन करते हुए व्यक्त किए। उन्होने कहा कि तनाव मुक्त जीवन का अमोघ अस्त्र है अनेकान्त दृष्टि। क्योंकि अनेकान्त दृष्टि वाला आग्रह विग्रह से दूर रहता हुआ समझौता, समन्वय और सापेक्षता का रास्ता अपनाता है। मुनि ने कहा कि अनेकान्त दृष्टि विग्रह नाशक और कलह शामक है। देनन्दिन जीवन में छोटी छोटी बातों को लेकर खींचतान करने से परस्पर तनाव पैदा होता है। यदि दृष्टि अनेकान्त की हो तो वहीं कोई समस्या पैदा नहीं होती। इस अवसर पर मुनि भवभूति, मुनि कोमल, मुनि विकास ने भी विचार व्यक्त किए। तेरापंथ मजिला मंडल की मंत्री नीता सोनी, विजयलक्ष्मी सोनी ने जैन जीवन शैली गीत का संगान किया।
प्रार्थना सभा में जीवन विज्ञान अभियान आज से : मुनि तत्वरूचि तरूण के निर्देशन में 25 फरवरी बुधवार से स्कूलों में प्रार्थना सभा में जीवन विज्ञान अभियान की शुरूआत होगी। तेयुप अध्यक्ष प्रमोद सोनी ने बताया कि जीवन विज्ञान अभियान की शुरूआत प्रात: पौने आठ बजे राजकीय बालकृष्ण उच्च प्राथमिक विद्यालय से की जाएगी।

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