Wednesday, February 25, 2009

बाल भावनाओं का मखौल उड़ाया जिला प्रशासन ने

राजसमन्द। अणुव्रत महासमिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ महेन्द्र कर्णावट ने कहा बाल अपराध, हिंसा, घरेलू हिंसा एवं अन्य बुराईयों का मुख्य कारण नशा है। इस सत्य को जानते हुए भी राजसमन्द जिला प्रशासन 24 फरवरी को हुए शराब ठेकों की निलामी में बच्चों के हाथो लॉटरी निकलवाकर नैतिक मूल्यों को धराशाही किया है। शराब ठेको की निलामी मे बच्चो एवं जिला शिक्षा अधिकारी की सहभागिता से समाज मे गलत संदेश गया है। इससे बाल पीढी की नशे की ओर ललक बढेगी। राजसमन्द जिला प्रशासन का यह कार्य राज्य की नव निर्वाचित सरकार की घोषित आबकारी नीति के विरूद्ध है जिसमे सरकार ने शराब के खिलाफ अभियान तेज करने की बात कही है और नशे के दुष्प्रभावो को प्रचारित करने के लिए राज्यव्यापी जन जागरण अभियान प्रारंभ करने का संकल्प व्यक्त किया है। जिला प्रशासन का यह कदम जिले को पब संस्कृति की ओर ले जाएगा।
उन्होने कहा कि जिला कलक्टर एवं अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी की उपस्थिति में बच्चों द्वारा शराब की दुकानों की लॉटरी निकालना बाल भावनाओं का शोषण एवं गैर जिम्मेदाराना हरकत है जिसने जीवन शिक्षा के मूलभूत उद्देश्य पर चोट की है। राजसमन्द जिले के नागरिको एवं स्वयंसेवी संस्थाओं को इस कार्रवाई का व्यापक विरोध करना चाहिए ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी बाल भावनाओं की मखौल न उडा सके।

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