Monday, February 23, 2009

सत्य के प्रति श्रद्धा ही सम्यक दर्शन : मुनि तत्वरूचि

राजसमन्द। तेरापंथ महिला मंडल के तत्वावधान में सोमवार को जैन जीवन शैली व्याख्यान माला पर प्रवचन करते हुए मुनि तत्वरूचि तरूण ने कहा कि सत्य के प्रति सम्यक श्रद्धा ही सम्यक दर्शन है। सम्यक दृष्टि व्यक्ति स्वास्थ्य और सफलता को पाता है और अन्धविश्वासों से मुक्त हो जाता है। अत: सुख की सृष्टि के लिए सम्यक दृष्टि जरूरी है। इससे पूर्व तेरापंथ महिला मंडल ने जैन जीवन शैली पर आचार्य तुलसी द्वारा रचित गीत का समूहगान किया। धर्मसभा में मुनि भवभूति, मुनि कोमल, मुनि विकास ने भी विचार व्यक्त किए।
काव्य संध्या : मुनि तत्वरूचि तरूण के सान्निध्य में रविवार रात को तेरापंथ भवन कांकरोली में काव्य संध्या का कार्यक्रम आयोजित किया गया। शिक्षाप्रद, प्रेरक और व्यंग्यात्मक कविताओ की प्रस्तुतियों ने श्रोताओ को मंत्रमुग्ध कर दिया। काव्य संध्या में मुनि तत्वरूचि ने ये कार है, सरकार नहीं जो राम भरोसे चल जाएगी, आदर्शों पर मर मिटना ही इस जीवन की परिभाषा है। ललित बफना ने इंसानों से लडना छोडो, शैतानों से लडना होगा। मुनि भवभूति ने आदमी ही मारता, मर रहा है आदमी, समझ कुछ आता नहीं क्या कर रहा है आदमी, मुनि कोमल ने निश्चित विजय हमारी होगी मुनि विकास ने कई जीब रा बडा लोलपी की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर प्रमोद सोनी, सुशील कुमार बडाला, निहिका पोकरना, सुरभि पोकरना, ज्योत्सना पोकरना, लक्षित जैन, शीतल बडाला, नीता सोनी, प्रज्ञा बडाला, भावना पगारिया, शीतल पोकरना आदि ने भी अपनी प्रस्तुतियों से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। समारोह में तेरापंथ सभाध्यक्ष महेन्द्र कुमार कोठारी, एडवोकेट देवेेन्द्र कुमार कच्छारा, घनश्याम तलेसरा, चन्द्रप्रकाश सोनी, श्रीमती विजयलक्ष्मी उपस्थित थे।

No comments: