Sunday, February 22, 2009

बैचेनी बढने लगी है विद्यार्थी मित्रों की

राजसमन्द। फरवरी माह के मात्र पांच दिन शेष रहते विद्यार्थी मित्र के रूप में सरकारी विद्यालयों में लगे युवाओ की बैचेनी बढती जा रही है। हर वर्ष की यह पीडा अब उन्हें नागवार लगने लगी है। इस सम्बन्ध में ठोस व्यवस्था के लिए मंगलवार को राज्य भर के विद्यार्थी मित्र जयपुर में एकत्र होंगे। राज्य स्तरीय रैला जिले के विद्यार्थी मित्र भी शिरकत करेंगे।
विद्यार्थी मित्र के रूप में सरकार विद्यालयों में लगे युवाओ के सामने हर साल यह परिस्थिति बनती है और वे अपनी पीड़ा उठाते रहे हैं, लेकिन संगठनात्मक जुडाव न होन से इनकी आवाज उंची नहंी उठ पाती थी। अब प्रदेश एवं जिला स्तर पर संगठन के विस्तार के कारण ये अपनी आवाज उठाने लगे है लेकिन अब तक इस आवाज पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया है। विद्यार्थी मित्रों ने गत जनवरी माह में जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भेंट कर अपनी समस्याओं और मांगों के संबंध में अवगत कराया। नाथद्वारा आगमन पर जिले के विद्यार्थी मित्र एक बार पुन: गहलोत से मुलाकात की। तब मुख्यमंंत्री ने उन्हें इस मुद्दे पर विचार करने का आश्वासन दिया। लेकिन अब तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आने पर विद्यार्थी मित्रों ने जयपुर में राज्य स्तरीय रैला निकालने की तैयारी कर ली है। विद्यार्थी मित्रों ने बताया कि शैक्षणिक सत्र के बीच में हटाने से विद्यार्थी मित्रों को रोजगार का कोई अवसर नहीं मिल पाता और छह महीने उन्हें तंगहाली में बिताने पडते हैं। उन्होने बताया कि छह माह के लिए रोजगार और बेरोजगारी होने से प्रशिक्षित बेरोजगार विद्यार्थी मित्र योजना से मुंह मोडने लगे हैं। उन्होने बताया कि पहले प्रशिक्षित अभ्यार्थियों को विद्यार्थी मित्र बनाया जाता था, लेकिन इनकी पूर्ति न होने पर अप्रशिक्षित को लेना शुरू कर दिया। आलम यह है कि अब तो अप्रशिक्षित अभ्यर्थी भी कम पड जाते हैं।

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