राजसमन्द। समीपवर्ती मोही गांव में करीब पांच माह पूर्व एक महिला की कपड़े धोने के धोवने से पिटाई कर उसकी हत्या करने के मामले में अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश (फास्ट ट्रेक) ने महिला के पति को दोषी मानते हुए आजीवन कैद एवं छह हजार रुपए का अर्थदण्ड मुकर्रर किया है।
प्रकरणानुसार कोठारिया नाथद्वारा निवासी नानालाल पुत्र चैना खटीक ने आठ सितम्बर 2008 को राजनगर थाने में रिपोर्ट दी कि उसकी भतीजी दुर्गा पुत्री मनोहर लाल खटीक की शादी 13 वर्ष पूर्व मोही निवासी लालुराम पुत्र गोवद्र्धन लाल खटीक से हुई। शादी के बाद लालुराम आए दिन दुर्गा से मारपीट करता और व्यापार के लिए पीहर से रुपए मंगवाता था। आठ सितम्बर 2008 की सुबह करीब तीन बजे लालूराम ने मकान में पड़े धोवने से दुर्गा के साथ मारपीट की जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। दुर्गा के भतीजे किशन लाल ने फोन से कोठारिया सूचना दी जिस पर मनोहर लाल, देवीलाल सहित अन्य परिजन मोही पहुंचे और अचेत दुर्गा को आरके चिकित्सालय पहुंचाया। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे उदयपुर के लिए रेफर किया गया। उपचार के दौरान दुर्गा ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने मामले की जांच कर अदालत में चालान पेश किया। पुलिस ने इस मामले को केस ऑफिसर स्कीम में लेते हुए पुलिस निरीक्षक गोवद्र्धन लाल को केस ऑफिसर तथा सहायक के तौर पर रोहिताश्व को नियुक्त किया। अभियोजन की ओर से घटना के चश्मद्दीद गवाह आरोपी के पुत्र निर्मल एवं दुर्गा का भतीजा किशनलाल सहित 18 गवाहों के बयान करवाए। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के उपरांत हत्या के आरोप में लालूराम को आजीवान कठोर कारावास तथा पांच हजार रुपए का अर्थदण्ड तथा दहेज प्रताडऩा के आरोप में दो वर्ष की कड़ी कैद तथा एक हजार रुपए का अर्थदण्ड दिया। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक बापूलाल ओस्तवाल ने पैरवी की।
प्रकरणानुसार कोठारिया नाथद्वारा निवासी नानालाल पुत्र चैना खटीक ने आठ सितम्बर 2008 को राजनगर थाने में रिपोर्ट दी कि उसकी भतीजी दुर्गा पुत्री मनोहर लाल खटीक की शादी 13 वर्ष पूर्व मोही निवासी लालुराम पुत्र गोवद्र्धन लाल खटीक से हुई। शादी के बाद लालुराम आए दिन दुर्गा से मारपीट करता और व्यापार के लिए पीहर से रुपए मंगवाता था। आठ सितम्बर 2008 की सुबह करीब तीन बजे लालूराम ने मकान में पड़े धोवने से दुर्गा के साथ मारपीट की जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। दुर्गा के भतीजे किशन लाल ने फोन से कोठारिया सूचना दी जिस पर मनोहर लाल, देवीलाल सहित अन्य परिजन मोही पहुंचे और अचेत दुर्गा को आरके चिकित्सालय पहुंचाया। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे उदयपुर के लिए रेफर किया गया। उपचार के दौरान दुर्गा ने दम तोड़ दिया। पुलिस ने मामले की जांच कर अदालत में चालान पेश किया। पुलिस ने इस मामले को केस ऑफिसर स्कीम में लेते हुए पुलिस निरीक्षक गोवद्र्धन लाल को केस ऑफिसर तथा सहायक के तौर पर रोहिताश्व को नियुक्त किया। अभियोजन की ओर से घटना के चश्मद्दीद गवाह आरोपी के पुत्र निर्मल एवं दुर्गा का भतीजा किशनलाल सहित 18 गवाहों के बयान करवाए। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के उपरांत हत्या के आरोप में लालूराम को आजीवान कठोर कारावास तथा पांच हजार रुपए का अर्थदण्ड तथा दहेज प्रताडऩा के आरोप में दो वर्ष की कड़ी कैद तथा एक हजार रुपए का अर्थदण्ड दिया। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक बापूलाल ओस्तवाल ने पैरवी की।
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