Friday, February 20, 2009

श्री गुरूजी एक युगद्रष्टा थे : सुनील स्वामी

राजसमन्द। मोही कस्बे के सदर बाजार स्थित विद्या निकेतन विद्यालय में समारोहपूर्वक श्री माधव सदाशिव गोलवरकर उपाख्य श्री गुरूजी की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विद्या भारती राजसमन्द के उपशिक्षण सचिव सुनील स्वामी थे, अध्यक्षता संस्थाप्रधान चन्द्रप्रकाश साहू ने की जबकि विशिष्ट के रूप में बीएल कीर उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने श्री गुरूजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किया इसके पश्चात सामूहिक रूप से सरस्वती वंदना तथा शांति पाठ का वाचन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुनील स्वामी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक गुरूजी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरूजी एक महान चिन्तक, विचारक, संगठक तथा युगद्रष्टा थे।
इस अवसर पर महेन्द्र कुमावत, शिवप्रकाश सांखला, पवन टेलर, नरेश तेली ने देश भक्ति से ओत प्रोत गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में सामूहिक गीत हे ऋषिवर शत शत वन्दन का गान किया गया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती यशवंत कुमारी शर्मा ने किया। इस अवसर पर साधना चपलोत, रेखा रेगर, कमला पूर्बिया ने भी विचार व्यक्त किए।

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