Sunday, February 22, 2009

चित्त समाधी में अहं और वहम बाधक : मुनि तत्वरूचि

राजसमन्द। मुनि तत्वरूचि ने तेरापंथ महिला मंडल कांकरोली के तत्वावधान में आयोजित दम्पत्ति चित्त समाधी शिविर को सम्बोधित करते हुए कहा कि चित्त समाधी में अहं और बहम बाधक है। जब तक अहं और वहम (संदेह) की बीमारी पर नियन्त्रण नहीं होगा तब तक कोई चैन से नहीं रह पाएगा। चित्त समाधी के लिए परस्पर विश्वास, सहयोग और समर्पण की आवश्यकता है। शिविर में सभाध्यक्ष महेन्द्र कुमार कोठारी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में समाज सेवी धर्मेश कुमार डांगी, तेयुप अध्यक्ष प्रमोद कुमार सोनी, तेरापंथ महिला मंडल अध्यक्ष मंजू चोरडिया उपस्थित थे। मुनि ने कहा सामाजिक जीवन परस्पर सहयोग पर आधारित है। जहां एक दूसरे के प्रति सहयोग की भावना है, हित का चिंतन है, श्रद्धा और समर्पण है विनय, वात्सल्य और विश्वास है। वहां सम्बन्धों में मधुरता और समरसता रह सकती है। इस अवसर पर मुनि भवभूति ने कहा कि दाम्पत्य जीवन की खुशहाली के लिए आपसी प्रेम, स्नेह, सौहार्द और समन्वय की आवश्यकता है। मुनि कोमल ने कहा कि तनाव मुक्त शांतिमय जीवन के एि व्यक्ति क्षमाशील और गुणग्राही होना चाहिए। मुनि विकास ने क्रोध मुक्ति पर प्रेरक गीत का संगान किया। कार्यक्रम में श्रीमती साधना चोरडिया, श्रीमती नीता सोनी, श्रीमती सीमा सोनी, विनोद बडाला, ज्योत्सना पोकरना ने भी विचार व्यक्त किए। शिविर की शुरूआत मुनि तत्व के नमस्कार महामंत्र से हुई। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती विजयलक्ष्मी सोनी ने किया।
जैन जीवन शैली पर व्याख्यान माला आज से : तेरापंथ महिला मंडल कांकरोली के तत्वावधान में मुनि तत्वरूचि तरूण जैन जीवन शैली पर सोमवार 23 फरवरी से विशेष व्याख्यानमाला शुरू करेंगे। वे इस साप्ताहिक व्याख्यान माला में नव आयामी जैनी जीवन शैली पर प्रवचन करेंगे। यह जानकारी तेरापंथ महिला मंडल मंत्री श्रीमती नीता सोनी ने दी।

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