Saturday, February 28, 2009

शिक्षा के चरमराये ढांचे को सुधारना पहली आवश्यकता : शिक्षा मंत्री

राजसमन्द। राज्य के शिक्षा मंत्री भंवरलाल मेघवाल ने कहा कि पिछली सरकार ने अनगिनत विद्यालय खोल दिए एवं क्रमोननत कर दिए लेकिन शिक्षकों की भर्ती नहीं की, जिससे शिक्षा का ढांचा चरमरा गया। उन्होने एक जुलाई से पहली कक्षा में अंग्रेजी विषय लागू करने एवं तीन हजार द्वितीय श्रेणी शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ करने की घोषणा की। शिक्षा मंत्री दिवेर में 51 लाख रुपए की लागत से नव निर्मित फूली बाई भैरूलाल नाहर राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय भवन के लोकार्पण समारोह में आयोजित सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होने कहा कि पिछली सरकार ने जाते जाते जुलाई-अगस्त माह में 3 हजार 108 उच्च प्राथमिक विद्यालयों को माध्यमिक विद्यालयों में क्रमोन्नत कर दिया था लेकिन उनके लिए आधारभूत ढांचे एवं पढाने शिक्षक नहीं थे। पिछली सरकार ने मात्र 63 हजार शिक्षकों की भर्ती की जो ना काफी थी। पिछली सरकार ने 28 हजार सर्व शिक्षा के शिक्षकों को प्रबोधक बना दिया एवं साढे चार हजार रुपए वेतन दिया। गहलोत सरकार ने उन शिक्षकों को 9 हजार रुपए वेतन प्रारंभ कर दिया है। उन्होने कहा कि सर्व शिक्षा की 10-15 हजार पद बकाया है उन्हें भी आचार संहिता लगने से पूर्व तीन मार्च तक राजस्थान लोक सेवा आयोग को भेज दूंगा। मेघवाल ने कहा कि मदरसों के लिए भी ढाई हजार पद भरे जाएंगे। उन्होने राज्य के 186 पिछडे ब्लॉक में मॉडल स्कूल बनाने की घोषणा करते हुए कहा कि इसके लिए जो भी गांव पांच एकड भूमि पहले देगा वहां यह विद्यालय स्वीकृत होगा जो नवोदय विद्यालय की तर्ज पर होगा। उन्होने विद्यालयों में 40 विद्यार्थियों पर दो अध्यापक लगा समानीकरण करने एवं गांवों के विद्यालयों में अध्यापकों की पूर्ति पर जोर दिया। इससे पूर्व शिक्षा मंत्री ने विद्यालय के मुख्य द्वार का फीता खोल उद्घाटन की रस्म पूरी की। उन्होने विद्यालय के भामाशाह जुगराज नाहर से विद्यालय में उच्च स्तरीय फर्नीचर बनाने का आग्रह किया जिसे नाहर ने सहर्ष स्वीकार किया।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए पूर्व मंत्री लक्ष्मण सिंह रावत ने पहाडी क्षेत्र मगरा में गरीबी, शराब खोरी, अशिक्षा, बाल-विवाह, मृत्यु भोज बन्द कर बचत करने एवं अपने बच्चों को पढाने पर बल दिया। रावत ने बालिका शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए लडकियों को 12वीं कक्षा एवं कॉलेज शिक्षा तक अनिवार्य पढाने को कहा। रावत ने दिवेर के इतिहास का महत्व बताते हुए दिवेर को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने पर बल दिया एवं शिक्षा मंत्री से इस विषय को आगे सरकार तक पहुंचाने की बात की। रावत ने दिवेर विद्यालय में विज्ञान संकाय खुलवाने की मांग रखी।
समारोह को विशिष्ट अतिथि डॉ बसन्तीलाल बाबेल ने सम्बोधित करते हुए पाठ्यक्रम में मानवीय एवं नैतिक विषयों की कमी बताते हुए शिक्षा पद्धति में जीवन विज्ञान एवं प्रेक्षाध्यान प्रारंभ करने का सुझाव दिया।
समारोह के अन्त में भामाशाह जुगराज नाहर ने शिक्षा मंत्री एवं शिक्षा उप निदेशक सुरेश दवे को विद्यालय की चाबियां सौंपी।

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