Tuesday, March 3, 2009

लाहोर में श्रीलंका टीम पर हुए हमले की निन्दा

राजसमन्द। पाकिस्तान के लाहोर में श्रीलंका के क्रिकेट खिलाडियों पर जानलेवा हमला कर आतंकवादियों ने खेल जगत को आतंकवाद से भयग्रस्त कर दिया। आतंकवादियों का यह घिनौना कृत्य क्रिकेट जगत ही नहीं वरन समस्त खेल जगत को स्तब्ध करने वाला कृत्य है। जिला क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप पालीवाल ने कहा कि ग्रीस ओलंपिक में हुए हमले के इतने वर्षों बाद क्रिकेट जैसे शांत खेल को इस प्रकार आतंकवादी घटनाओं से कलंकित करने का जो प्रयास हुआ है वह किसी भी सूरत में माफी के योग्य नहीं है। क्रिकेट कूटनीति से तो दो देशो को पास आने का मौका मिलता है इसका उदाहरण पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपतियों जिया उल हक व जनरल परवेज मुशर्रफ ने भी दिया था। जिस देश में कोई देश क्रिकेट खेलने को तैयार नहीं था वहां श्रीलंका का क्रिकेट खेलना एक बड कदम था पर आतंकवादियों ने इस प्रकार का कृत्य करके पूरे खेल जगत में आज के दिन को काले दिन के रूप में याद करने योग्य कर दिया। इसकी जितनी भी निन्दा की जाए वह कम होगी।
जिला क्रिकेट संघ राजसमन्द ने मंगलवार को पाकिस्तान में श्रीलंका के क्रिकेट खिलाडियों पर हुए हमले की कटु निन्दा की है जिसने पूरे विश्व को झकझोर कर रख दिया है। राजस्थान क्रिकेट संघ के नवनिर्वाचित संयुक्त सचिव गिरिराज सनाढ्य ने इस घटना पर गहरा दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि अब किसी भी देश का खिलाडी पाकिस्तान जाकर खेलने का साहस नहीं जुटा पाएगा। संघ के आयोजन सचिव ललित सनाढ्य ने भी इस घटना को कायरतापूर्ण कृत्य बताते हुए कहा कि पाकिस्तान का असली चेहरा दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है। संघ के कोषाध्यक्ष फतहलाल टांक ने भी गहरा दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि पाकिस्तान की सरकार आतंकवादियों के हाथों की कठपुतली बनी हुई है तथा विश्व जगत को कठोर राजनीतिक निर्णय लेने होंगे। संघ के तकनीकी सलाहकार प्रदीप तेलंग ने भी भत्र्सना करते हुए कहा कि अमेरिका और चीन को अब पाकिस्तान की करतूत देखकर आर्थिक सहयोग को रोकना चाहिए। संघ के कार्यक्रम प्रभारी जितेन्द्र सनाढ्य ने भी इस दुखद घटना को खेल जगत के लिए शर्मनाक बताया एवं कहा कि विश्व को जोडने वाले खेलों को भी जो ढहाने का कार्य करें उन्हें उचित सबक सिखाने का समय अब आ गया है।

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