राजसमन्द। जिले के कुंवारिया कस्बे के कुम्हार मोहल्ला में करीब आठ माह पूर्व वृद्ध रामचंद्र कुम्हार की हत्या के मामले में सह अभियुक्त पीपली आचार्यान निवासी नारूलाल पुत्र नगजीराम पूर्बिया को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक डॉ. नितीन दीप ब्लग्गन ने दावा किया है कि नारूलाल के कब्जे से मृतक के घर से चुराया गया सेलफोन बरामद हो गया है। हत्या के मुख्य आरोपी सहित षडयंत्र रचने के आरोपी युवकों की पुलिस तलाश कर रही है। इन आरोपियों में मृतक का भतीजा सुखलाल भी शामिल है।
पुलिस अधीक्षक नितीन दीप ने बताया कि 13 जुलाई 08 को कुंवारिया निवासी मीठालाल कुम्हार ने थाने में रिपोर्ट दी कि कुम्हार मोहल्ला में रहने वाले उसके ससुर रामचंद्र की बीती रात अज्ञात लोगों ने हत्या कर शव उनके मकान के बाथरूम में डाल गए। अज्ञात लोगों ने मकान में सामान बिखेर दिया। पुलिस अधीक्षक ने इस सम्बन्ध में पुलिस उपाधीक्षक, कुंवारिया थानाधिकारी के नेतृत्व में दल गठित कर हत्या के मामले का अनुसंधान शुरू किया। हाल ही में मुखबीर से सूचना मिलने पर अनुसंधान दल ने पीपली आचार्यान निवासी नारूलाल पूर्बिया को को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की। पूछताछ में उसके पास रामचंद्र कुम्हार का मोबाइल फोन होना बताया जिसे पुलिस ने बरामद किया। नारूलाल ने पूछताछ में बताया कि गत 12 जुलाई को रामचंद्र की हत्या पीपली आचार्यान निवासी शंभुलाल गायरी और उसके दोस्त जगदीश पुत्र लालू गायरी ने की। इस वारदात से पूर्व रामचंद्र की सम्पति लूटने और उसे सबक सिखाने के लिए फूंकिया गंगरार निवासी सुखलाल, गोपाल प्रजापत, भैरूलाल गायरी तथा पीपली आचार्यान निवासी शंभु लाल व उसने योजना बनाई। योजना के तहत वारदात से पहले उक्त लोग रामचंद्र का मकान देखने गए और किसी और दिन योजना को अंजाम देने का निश्चय कर वहां से लौट आए।
नारूलाल ने बताया कि योजना बनाने में शामिल पीपली आचार्यान निवासी शंभुलाल को सब्र नहीं हुआ और उसने अपने मित्र जगदीश गायरी से मिल कर योजना को अंजाम दे दिया। वारदात की जानकारी होने पर पूर्व में योजना तैयार करने में शामिल गोपाल, भैरूलाल व उसे शंभुलाल पर शंका हुई। उन्होंने जब शंभुलाल से पूछताछ की तो पहले तो वह मना करने लगा। इस पर उन्होंने पुलिस को बताने की धमकी शंभुलाल को दी तो उसने रामचंद्र की हत्या करना कबूल लिया। नारूलाल ने पुलिस को बताया कि शंभूलाल के वारदात करने की बात कबूलने के बाद रामचंद्र के मकान से लूटे गए माल के हिस्से किए गए। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जगदीश से हुई पूछताछ के आधार पर पुलिस ने मुख्य आरोपियों एवं योजना बनाने में सह आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए अलग-अलग टीम गठित की है।
भतीजा सबक सिखाना चाहता था : पुलिस पूछताछ में नारूलाल गायरी ने बताया कि रामचंद्र कुम्हार का भतीजा सुखलाल पुत्र मोहन लाल ने ताऊ की सम्पति लूटने और सबक सिखाने के लिए ममेरे भाई गोपाल कुम्हार से चर्चा की। सुखलाल ने तारू के पास काफी सम्पति होने, बंटवारे के समय पिता को सम्पति में से काफी कम हिस्सा देने तथा कुंवारिया में उनके अकेले रहने की बात कही। इस पर उसके ममेरे भाई गोपाल ने सुखलाल को आश्वस्त किया कि उसके पास इस प्रकार का काम करने वाले भैरूलाल, शंभूलाल व नारूलाल है। इसके बाद सब एक स्थान पर मिले और योजना तैयार की।
हत्या से पहले शराब पी : नारूलाल ने पुलिस पूछताछ में बताया कि पूर्व में योजना बनने के बावजूद शंभूलाल ने सब्र नहीं करते हुए अपने मित्र जगदीश के साथ वारदात करने के लिए रामचंद्र के घर पहुंच गया। नारूलाल के अनुसार वारदात से पहले शंभु व जगदीश ने कुंवारिया पहाड़ी क्षेत्र में शराब पी और शाम साढ़े सात से आठ बजे के बीच एक किराणा की दुकान से नारियल और अगरबत्ती खरीदे ताकि रामचंद्र के घर दरवाजा खुलने पर कुछ पूछताछ होने वह बूझ करवाने की बात कह सके। रामचंद्र भोपे का काम भी करता था। मौका देख कर शंभू व जगदीश रामचंद्र के मकान में घुस गए उस वक्त रामचंद्र मकान की दूसरी मंजिल पर था। रात करीब 11 बजे रामचंद्र नीचे आया और मकान का चैनल गेट बंद किया व वापस अपने कमरे में जाकर सो गया। इसके बाद दोनों ने उसकी हत्या कर दी और मकान में रखे आभूषण, मोबाइल व घड़ी चुरा कर ले गए।
पुलिस अधीक्षक नितीन दीप ने बताया कि 13 जुलाई 08 को कुंवारिया निवासी मीठालाल कुम्हार ने थाने में रिपोर्ट दी कि कुम्हार मोहल्ला में रहने वाले उसके ससुर रामचंद्र की बीती रात अज्ञात लोगों ने हत्या कर शव उनके मकान के बाथरूम में डाल गए। अज्ञात लोगों ने मकान में सामान बिखेर दिया। पुलिस अधीक्षक ने इस सम्बन्ध में पुलिस उपाधीक्षक, कुंवारिया थानाधिकारी के नेतृत्व में दल गठित कर हत्या के मामले का अनुसंधान शुरू किया। हाल ही में मुखबीर से सूचना मिलने पर अनुसंधान दल ने पीपली आचार्यान निवासी नारूलाल पूर्बिया को को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की। पूछताछ में उसके पास रामचंद्र कुम्हार का मोबाइल फोन होना बताया जिसे पुलिस ने बरामद किया। नारूलाल ने पूछताछ में बताया कि गत 12 जुलाई को रामचंद्र की हत्या पीपली आचार्यान निवासी शंभुलाल गायरी और उसके दोस्त जगदीश पुत्र लालू गायरी ने की। इस वारदात से पूर्व रामचंद्र की सम्पति लूटने और उसे सबक सिखाने के लिए फूंकिया गंगरार निवासी सुखलाल, गोपाल प्रजापत, भैरूलाल गायरी तथा पीपली आचार्यान निवासी शंभु लाल व उसने योजना बनाई। योजना के तहत वारदात से पहले उक्त लोग रामचंद्र का मकान देखने गए और किसी और दिन योजना को अंजाम देने का निश्चय कर वहां से लौट आए।
नारूलाल ने बताया कि योजना बनाने में शामिल पीपली आचार्यान निवासी शंभुलाल को सब्र नहीं हुआ और उसने अपने मित्र जगदीश गायरी से मिल कर योजना को अंजाम दे दिया। वारदात की जानकारी होने पर पूर्व में योजना तैयार करने में शामिल गोपाल, भैरूलाल व उसे शंभुलाल पर शंका हुई। उन्होंने जब शंभुलाल से पूछताछ की तो पहले तो वह मना करने लगा। इस पर उन्होंने पुलिस को बताने की धमकी शंभुलाल को दी तो उसने रामचंद्र की हत्या करना कबूल लिया। नारूलाल ने पुलिस को बताया कि शंभूलाल के वारदात करने की बात कबूलने के बाद रामचंद्र के मकान से लूटे गए माल के हिस्से किए गए। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जगदीश से हुई पूछताछ के आधार पर पुलिस ने मुख्य आरोपियों एवं योजना बनाने में सह आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए अलग-अलग टीम गठित की है।
भतीजा सबक सिखाना चाहता था : पुलिस पूछताछ में नारूलाल गायरी ने बताया कि रामचंद्र कुम्हार का भतीजा सुखलाल पुत्र मोहन लाल ने ताऊ की सम्पति लूटने और सबक सिखाने के लिए ममेरे भाई गोपाल कुम्हार से चर्चा की। सुखलाल ने तारू के पास काफी सम्पति होने, बंटवारे के समय पिता को सम्पति में से काफी कम हिस्सा देने तथा कुंवारिया में उनके अकेले रहने की बात कही। इस पर उसके ममेरे भाई गोपाल ने सुखलाल को आश्वस्त किया कि उसके पास इस प्रकार का काम करने वाले भैरूलाल, शंभूलाल व नारूलाल है। इसके बाद सब एक स्थान पर मिले और योजना तैयार की।
हत्या से पहले शराब पी : नारूलाल ने पुलिस पूछताछ में बताया कि पूर्व में योजना बनने के बावजूद शंभूलाल ने सब्र नहीं करते हुए अपने मित्र जगदीश के साथ वारदात करने के लिए रामचंद्र के घर पहुंच गया। नारूलाल के अनुसार वारदात से पहले शंभु व जगदीश ने कुंवारिया पहाड़ी क्षेत्र में शराब पी और शाम साढ़े सात से आठ बजे के बीच एक किराणा की दुकान से नारियल और अगरबत्ती खरीदे ताकि रामचंद्र के घर दरवाजा खुलने पर कुछ पूछताछ होने वह बूझ करवाने की बात कह सके। रामचंद्र भोपे का काम भी करता था। मौका देख कर शंभू व जगदीश रामचंद्र के मकान में घुस गए उस वक्त रामचंद्र मकान की दूसरी मंजिल पर था। रात करीब 11 बजे रामचंद्र नीचे आया और मकान का चैनल गेट बंद किया व वापस अपने कमरे में जाकर सो गया। इसके बाद दोनों ने उसकी हत्या कर दी और मकान में रखे आभूषण, मोबाइल व घड़ी चुरा कर ले गए।
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