राजसमन्द। राजसमन्द जिला प्रमुख पद के लिए मंगलवार को हुए उप चुनाव में भाजपा स्पष्ट बहुमत होने के बाद भी अपना कब्जा बरकरार नहीं रख पायी तथा भाजपा के सात सदस्यों के क्रोस वोटिंग करने से कांग्रेस ने हारी हुई बाजी जीत ली।
राजसमन्द जिला परिषद के कुल 24 सदस्यों में 16 भाजपा व आठ कांग्रेस के सदस्य है। मंगलवार को भाजपा की ओर से गणेशदास वैष्णव एवं कांग्रेस की तरफ से नारायण सिंह भाटी ने पर्चा भरा। दोनों ही दलों की ओर से एक-एक उम्मीदवार होने से दोनों में सीधी टक्कर मानी जा रही थी। कांग्रेस अपने आठ ही सदस्यों के वोट मिल जाने तक को लेकर शांत बैठी थी वहीं भाजपाई भी अपनी जीत को लेकर निश्चिंत थे।
मतदान के पश्चात वोटों की गिनती से आए परिणाम को देख सभी आश्चर्य चकित हो गए। कांग्रेस प्रत्याशी नारायण सिंह भाटी को 15 तथा भाजपा प्रत्याशी गणेशदास को नौ मत ही मिले। परिणाम की जानकारी मिलते ही भाजपाइयों की खुशी मायूसी में बदल गई। बाद में सामान्य कार्यकर्ताओं को छोडक़र बड़े नेता एक-एक कर चल दिए।
सौदेबाजी नहीं, गुटबाजी का फायदा मिला कांग्रेस को
राजसमन्द जिला प्रमुख पद के लिए मंगलवार को हुए चुनाव में कोई सौदेबाजी नहीं हुई वहीं गुटबाजी के चलते भाजपा के एक खेमे ने क्रोस वोटिंग कर भाजपा को जानबुझकर हरा दिया।
कटारिया-किरण गुट के सदस्यों में मंगलवार प्रात: गणेशदास वैष्णव के नाम पर सर्व सम्मति बन गई। किरण खेमे के गणेशदास वैष्णव की उम्मीदवारी को दूसरे खेमे के भाजपा सदस्य पचा नहीं पाए लेकिन बहुमत वैष्णव के पक्ष में होने से वो चुप्पी साधे रहे और अपनी नाराजगी का किसी को एहसास नहीं होने दिया तथा भाजपा के 16 ही सदस्य साथ रहे लेकिन मतदान के दौरान उन्होंने अपनी नाराजगी दिखा दी।
वैष्णव की नहीं, किरण की हार हुई
राजसमन्द जिला प्रमुख पद के लिए हुए चुनाव में भाजपा प्रत्याशी गणेशदास वैष्णव की हार राजनीतिक तौर पर किरण माहेश्वरी की हार मानी जा रही है। भाजपा के पास स्पष्ट बहुमत 16 सदस्य होने के बावजूद सात सदस्यों ने गुटबाजी के चलते कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर दिया।
किरण खेमा अपने गुट के वैष्णव को उम्मीदवार बनाने में तो सफल रहा लेकिन विरोधी खेमे की राजनीति का शिकार हो गया।
कांग्रेस से ज्यादा भाजपाइयों का जमावड़ा
राजसमन्द जिला प्रमुख पद केलिए हुए चुनाव के दौरान जिला परिषद परिसर में कांग्रेस के मुकाबले भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का जमावड़ा अधिक था। कांग्रेस के आठ सदस्य ही थे जो जीत के आंकड़े से काफी दूर थे इसलिए कांग्रेस के जिला परिषद सदस्यों के अलावा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष रमजान खान पठान, पालिका प्रतिपक्ष नेता चुन्नीलाल पंचोली, मांगीलाल टांक के अलावा कोई बड़ा नेता नहीं था। वहीं भाजपा को विश्वास था कि जिला प्रमुख की कुर्सी पर उनका कब्जा बरकरार ही रहेगा इसलिए राजसमन्द विधायक किरण माहेवरी, भीम-देवगढ़ विधायक हरिसिंह राठौड़, पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह राठौड़, भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम सिंह राठौड़, उप प्रधान दिनेश बड़ाला सहित सभी प्रमुख नेता पदाधिकारी मौजूद थे।
नेताओं को खरी-खोटी सुनाई
जिला प्रमुख चुनाव में भाजपा की करारी हार होने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने विधायकों एवं संगठन के नेताओं को खरी खोटी सुनायी।
जिला प्रमुख कक्ष में मौजूद विधायक किरण माहेश्वरी, हरिसिंह रावत, पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह राठौड़, जिलाध्यक्ष हरिओम सिंह राठौड़ आदि नेताओं के समक्ष कार्यकर्ताओं ने खुलकर अपनी नाराजगी प्र्रकट की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि बड़े नेताओं की गुटबाजी के कारण कार्यकर्ताओं की फजीहत हुई है। कार्यकर्ता आक्रोश व्यक्त करते हुए आरोप लगा रहे थे उस दौरान सभी नेता मूक दर्शक बनकर सुनते रहे। किसी ने मुंह नहीं खोला। बाद में सभी एक-एक करके चल दिए।
कुम्भलगढ का शेर अभी घायल है
कुम्भलगढ विधानसभा के निवर्तमान विधायक एवं पूर्व मंत्री सुरेन्द्र ङ्क्षसंह राठौड ने कहा कि कुम्भलगढ का शेर अभी घायल है इसलिए वो अपने क्षेत्र के किसी जिला परिषद सदस्य को जिला प्रमुख नहीं बना सकते है। जिला प्रमुख चुनाव में मतदान से एन वक्त पहले जिला परिषद सदस्य ललित चोरडिया व एक अन्य ने पूर्व मंत्री राठौड से कहा बावजी कई हुकुम है ? जिस पर राठौड ने कहा कुम्भलगढ का शेर अभी घायल है इसलिए अपने क्षेत्र के किसी सदस्य को जिला प्रमुख नहीं बना सकता है अब आप देख लो क्या करना है।
नरेन्द्र, नंदलाल और अब नारायण
राजसमन्द जिला प्रमुख पद पर काबिज होने वाले नामों में इस बार अजीत संयोग रहा है। एक ही कार्यकाल में तीन बार जिला प्रमुख के पद का कार्यभार सम्भालने वाले नरेन्द्रङ्क्षसंह सौलंकी, नंदलाल सिंघवी एवं नारायणसिंह भाटी एक ही नाम राशि के रहे हैं। नरेन्द्र ङ्क्षसह सौलंकी की सडक दुर्घटना में मृत्यु के बाद उपजिला प्रमुख नंदलाल सिंघवी ने कार्यवाहक के रूप में कामकाज सम्भाला और मंगलवार को हुए उप चुनाव में फिर वृश्चिक राशि का बोलबाला रहा और नारायण सिंह भाटी निर्वाचित घोषित हुए।
जिला प्रमुख आज पद भार ग्रहण करेंगे
राजसमन्द के नव निर्वाचित जिला प्रमुख नारायणङ्क्षसह भाटी बुधवार को प्रात: ग्यारह बजे पदभार ग्रहण करेंगे। नगर कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सनाढ्य ने बताया क प्रात: कांग्रेस कार्यकर्ता भाटी को उनके राजसमन्द स्थित निवास से जुलूस के रूप में जिला परिषद कार्यालय लाएंगे।
चयन में लोकतांत्रिक तरीका अपनाया
राजसमन्द जिला प्रमुख चुनाव में भाजपा ने उम्मीदवार चयन में लोकतांत्रिक प्रक्रिया अपनाते हुए सभी सदस्यों से अपनी-अपनी राय लिखित मेें प्रकट करने को कहा। नाथद्वारा भाजपा ग्रामीण मंडल अध्यक्ष भीमसिंह चौहान के फार्म हाउस पर भाजपा के तीनों विधायकों किरण माहेश्वरी, कल्याणसिंह चौहान, हरिङ्क्षसह रावत एवं जिलाध्यक्ष हरिओम ङ्क्षसंह राठौड की मौजूदगी में जिला परिषद सदस्यों से प्रमुख पद के लिए राय जानी गयी जिसमें सर्वाधिक मत गणेशदास वैष्णव को मिले दूसरे स्थान पर उप प्रमुख नंदलाल सिंघवी रहे। अन्य दावेदारों को स्वयं का एक मत ही मिला।
क्रोस वोटिंग का इतिहास दोहराया
राजसमन्द पंचायत समिति के उपप्रधान पद के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी दिनेश बडाला ने कांगे्रस का बहुमत होने के बाद भी अपने पक्ष में मतदान करा कब्जा किया था उसी तरह आज भाजपा सदस्यों ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर कुर्सी कांग्रेस को परोस दी।
राजसमन्द जिला परिषद के कुल 24 सदस्यों में 16 भाजपा व आठ कांग्रेस के सदस्य है। मंगलवार को भाजपा की ओर से गणेशदास वैष्णव एवं कांग्रेस की तरफ से नारायण सिंह भाटी ने पर्चा भरा। दोनों ही दलों की ओर से एक-एक उम्मीदवार होने से दोनों में सीधी टक्कर मानी जा रही थी। कांग्रेस अपने आठ ही सदस्यों के वोट मिल जाने तक को लेकर शांत बैठी थी वहीं भाजपाई भी अपनी जीत को लेकर निश्चिंत थे।
मतदान के पश्चात वोटों की गिनती से आए परिणाम को देख सभी आश्चर्य चकित हो गए। कांग्रेस प्रत्याशी नारायण सिंह भाटी को 15 तथा भाजपा प्रत्याशी गणेशदास को नौ मत ही मिले। परिणाम की जानकारी मिलते ही भाजपाइयों की खुशी मायूसी में बदल गई। बाद में सामान्य कार्यकर्ताओं को छोडक़र बड़े नेता एक-एक कर चल दिए।
सौदेबाजी नहीं, गुटबाजी का फायदा मिला कांग्रेस को
राजसमन्द जिला प्रमुख पद के लिए मंगलवार को हुए चुनाव में कोई सौदेबाजी नहीं हुई वहीं गुटबाजी के चलते भाजपा के एक खेमे ने क्रोस वोटिंग कर भाजपा को जानबुझकर हरा दिया।
कटारिया-किरण गुट के सदस्यों में मंगलवार प्रात: गणेशदास वैष्णव के नाम पर सर्व सम्मति बन गई। किरण खेमे के गणेशदास वैष्णव की उम्मीदवारी को दूसरे खेमे के भाजपा सदस्य पचा नहीं पाए लेकिन बहुमत वैष्णव के पक्ष में होने से वो चुप्पी साधे रहे और अपनी नाराजगी का किसी को एहसास नहीं होने दिया तथा भाजपा के 16 ही सदस्य साथ रहे लेकिन मतदान के दौरान उन्होंने अपनी नाराजगी दिखा दी।
वैष्णव की नहीं, किरण की हार हुई
राजसमन्द जिला प्रमुख पद के लिए हुए चुनाव में भाजपा प्रत्याशी गणेशदास वैष्णव की हार राजनीतिक तौर पर किरण माहेश्वरी की हार मानी जा रही है। भाजपा के पास स्पष्ट बहुमत 16 सदस्य होने के बावजूद सात सदस्यों ने गुटबाजी के चलते कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर दिया।
किरण खेमा अपने गुट के वैष्णव को उम्मीदवार बनाने में तो सफल रहा लेकिन विरोधी खेमे की राजनीति का शिकार हो गया।
कांग्रेस से ज्यादा भाजपाइयों का जमावड़ा
राजसमन्द जिला प्रमुख पद केलिए हुए चुनाव के दौरान जिला परिषद परिसर में कांग्रेस के मुकाबले भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं का जमावड़ा अधिक था। कांग्रेस के आठ सदस्य ही थे जो जीत के आंकड़े से काफी दूर थे इसलिए कांग्रेस के जिला परिषद सदस्यों के अलावा ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष रमजान खान पठान, पालिका प्रतिपक्ष नेता चुन्नीलाल पंचोली, मांगीलाल टांक के अलावा कोई बड़ा नेता नहीं था। वहीं भाजपा को विश्वास था कि जिला प्रमुख की कुर्सी पर उनका कब्जा बरकरार ही रहेगा इसलिए राजसमन्द विधायक किरण माहेवरी, भीम-देवगढ़ विधायक हरिसिंह राठौड़, पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह राठौड़, भाजपा जिलाध्यक्ष हरिओम सिंह राठौड़, उप प्रधान दिनेश बड़ाला सहित सभी प्रमुख नेता पदाधिकारी मौजूद थे।
नेताओं को खरी-खोटी सुनाई
जिला प्रमुख चुनाव में भाजपा की करारी हार होने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने विधायकों एवं संगठन के नेताओं को खरी खोटी सुनायी।
जिला प्रमुख कक्ष में मौजूद विधायक किरण माहेश्वरी, हरिसिंह रावत, पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह राठौड़, जिलाध्यक्ष हरिओम सिंह राठौड़ आदि नेताओं के समक्ष कार्यकर्ताओं ने खुलकर अपनी नाराजगी प्र्रकट की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि बड़े नेताओं की गुटबाजी के कारण कार्यकर्ताओं की फजीहत हुई है। कार्यकर्ता आक्रोश व्यक्त करते हुए आरोप लगा रहे थे उस दौरान सभी नेता मूक दर्शक बनकर सुनते रहे। किसी ने मुंह नहीं खोला। बाद में सभी एक-एक करके चल दिए।
कुम्भलगढ का शेर अभी घायल है
कुम्भलगढ विधानसभा के निवर्तमान विधायक एवं पूर्व मंत्री सुरेन्द्र ङ्क्षसंह राठौड ने कहा कि कुम्भलगढ का शेर अभी घायल है इसलिए वो अपने क्षेत्र के किसी जिला परिषद सदस्य को जिला प्रमुख नहीं बना सकते है। जिला प्रमुख चुनाव में मतदान से एन वक्त पहले जिला परिषद सदस्य ललित चोरडिया व एक अन्य ने पूर्व मंत्री राठौड से कहा बावजी कई हुकुम है ? जिस पर राठौड ने कहा कुम्भलगढ का शेर अभी घायल है इसलिए अपने क्षेत्र के किसी सदस्य को जिला प्रमुख नहीं बना सकता है अब आप देख लो क्या करना है।
नरेन्द्र, नंदलाल और अब नारायण
राजसमन्द जिला प्रमुख पद पर काबिज होने वाले नामों में इस बार अजीत संयोग रहा है। एक ही कार्यकाल में तीन बार जिला प्रमुख के पद का कार्यभार सम्भालने वाले नरेन्द्रङ्क्षसंह सौलंकी, नंदलाल सिंघवी एवं नारायणसिंह भाटी एक ही नाम राशि के रहे हैं। नरेन्द्र ङ्क्षसह सौलंकी की सडक दुर्घटना में मृत्यु के बाद उपजिला प्रमुख नंदलाल सिंघवी ने कार्यवाहक के रूप में कामकाज सम्भाला और मंगलवार को हुए उप चुनाव में फिर वृश्चिक राशि का बोलबाला रहा और नारायण सिंह भाटी निर्वाचित घोषित हुए।
जिला प्रमुख आज पद भार ग्रहण करेंगे
राजसमन्द के नव निर्वाचित जिला प्रमुख नारायणङ्क्षसह भाटी बुधवार को प्रात: ग्यारह बजे पदभार ग्रहण करेंगे। नगर कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सनाढ्य ने बताया क प्रात: कांग्रेस कार्यकर्ता भाटी को उनके राजसमन्द स्थित निवास से जुलूस के रूप में जिला परिषद कार्यालय लाएंगे।
चयन में लोकतांत्रिक तरीका अपनाया
राजसमन्द जिला प्रमुख चुनाव में भाजपा ने उम्मीदवार चयन में लोकतांत्रिक प्रक्रिया अपनाते हुए सभी सदस्यों से अपनी-अपनी राय लिखित मेें प्रकट करने को कहा। नाथद्वारा भाजपा ग्रामीण मंडल अध्यक्ष भीमसिंह चौहान के फार्म हाउस पर भाजपा के तीनों विधायकों किरण माहेश्वरी, कल्याणसिंह चौहान, हरिङ्क्षसह रावत एवं जिलाध्यक्ष हरिओम ङ्क्षसंह राठौड की मौजूदगी में जिला परिषद सदस्यों से प्रमुख पद के लिए राय जानी गयी जिसमें सर्वाधिक मत गणेशदास वैष्णव को मिले दूसरे स्थान पर उप प्रमुख नंदलाल सिंघवी रहे। अन्य दावेदारों को स्वयं का एक मत ही मिला।
क्रोस वोटिंग का इतिहास दोहराया
राजसमन्द पंचायत समिति के उपप्रधान पद के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी दिनेश बडाला ने कांगे्रस का बहुमत होने के बाद भी अपने पक्ष में मतदान करा कब्जा किया था उसी तरह आज भाजपा सदस्यों ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर कुर्सी कांग्रेस को परोस दी।
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