राजसमन्द। चारभुजा के समीपवर्ती कसार गांव में रविवार को 9 वें वैदिक संस्कार शिविर का समापन पूर्व सिंचाई राय मंत्री सुरेन्द्र सिंह राठौड की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता मानस ममई लक्ष्मण पुरी गोस्वामी थे जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में भूरसिंह परमार, पूर्व जिला प्रमुख नन्दलाल सिंघवी, ललित चोरडिया, दलीचन्द कोठारी, अरविन्द श्रीमाली उपस्थित थे। समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए लक्ष्मण पुरी गोस्वामी ने कहा कि वेद संस्कृति भारत की अस्मिता है। वेदाें को भूलने से ही पाश्चात संस्कृति हम पर हावी हुई है। पुरातन संस्काराें की पुर्नस्थापना के लिए हमें नई पीढी को वैद पाठी बनाना होगा। इस अवसर पर पूर्व सिंचाई राय मंत्री सुरेन्द्र सिंह राठौड ने कहा कि भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए वेदाें को जिंदा रखना जरूरी होगा। वेद जिन्दा रहेगा तो भारत जिन्दा रहेगा। उन्होने संस्थान के आयोजकाें की प्रशंसा करते हुए कहा कि कसार में वेद भवन बनाने के लिए मैं तन मन धन से तैयार हूं। पूर्व जिला प्रमुख नन्दलाल सिंघवी, जिला परिषद सदस्य ललित चोरडिया, राजपुत समाज के संरक्षक भूरसिंह परमार, हंसराज गिरी गोस्वामी, अरविन्द श्रीमाली, मांगीलाल, प्रचार मंत्री किशनलाल जोशी आदि ने सम्बोधित किया। समापन समारोह का शुभारंभ 175 संभागी बटुको के वैदिक मंत्रोचार के साथ महन्द नारायणदास व संस्थान के अध्यक्ष कन्हैयालाल द्विवेदी ने दीप प्रावलित कर किया। समारोह में सोनल द्विवेदी ने नटराज स्त्रोत की प्रस्तुति देकर सभी आगन्तुकों का मन मोहा। पं. योगेश शास्त्री ने संस्कार शिविर का प्रतिवेदन पढा। महामंत्री पं. उमेश द्विवेदी ने सभी आगन्तुकाें का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया। संचालन जिनेन्दर , सुरेश दवे ने किया। कार्यक्रम में चन्द्रकान्त आमेटा, देवीसिंह, नारायण सिंह, शिवराजसिंह, रोडीलाल गुर्जर, विकास दवे, मोहन लाल, प्रकाश टेलर, देवीलाल सोनी, सुभाष तिवाडी, पुरूषोतम, सुधीर दवे, राजेश दवे, कृष्णकान्त बोहरा, सुधीर भारद्वाज, अशोक दवे, भूपेन्द्र दवे आदि ने विचार व्यक्त किए।
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