Thursday, June 11, 2009

राजसमन्द झील सफाई के लिए श्रमदान महायज्ञ का शुभारंभ

राजसमन्द, 11 जून (प्रासं)। जिला प्रशासन द्वारा राजसमन्द झील सफाई अभियान को जन आन्दोलन का रूप देने के लिए स्वयं सेवी संगठनो, नगरपालिका के सफाई कर्मचारियों सहित शहर के जनमानस को जोडते हुए श्रमदान महायज्ञ का शुभांरभ गुरूवार को प्रात: 7 बजे से प्रभु द्वारिकाधीश मंदिर के ठीक नीचे की ओर जलधरा घाट से हुआ।
जिला कलक्टर ओंकार सिंह की पहल से झील सफाई का जो अभियान तीव्रगति से प्रारंभ हुआ है उससे झील का तो संरक्षण होगा ही साथ यहां निवासियों को स्वच्छ जल भी उपलब्ध होगा। जिला प्रशासन को इस कार्य में स्वयं सेवी संगठनो, सामाजिक कार्यकर्ता, विभिन्न संघो एवं यहां के निवासियों की ओर मिल रहे पूर्ण सहयोग के लिए सभी का साधुवाद देते हुए ऐसे पुनित कार्य में तत्पर रहकर आगे आने का आह्वान करते हुए कहा कि शहर सहित आस पास के ग्रामीण क्षेत्रो का भी हर व्यक्ति इस श्रमदान में भाग लेकर अपनी भागीदारी निभाएॅ तो निश्चय ही यह ऐतिहासिक झील अपना एक नया स्वरूप लेकर उभरेगी एवं इसका फायदा यहां के हर व्यक्ति को होगा।
जिला कलक्टर स्वयं प्रात: झील पेटे पहुचते वहां से गाजरघास उखाडी, फावड़े से कंटीली झाडिया काटी एवं झील के अन्दर पानी से घोडाघास को जेवे के मदद से खीच खीच कर बाहर निकाला एवं टे्रक्टर ट्राली में डालकर उचित स्थान पर इसका निस्तारण करने के निर्देश दिए।
झील सफाई अभियान के प्रभारी अतिरिक्त जिला कलक्टर टीसीबोहरा के साथ तहसीलदार अमृतलाल डामोर, अधिशाषी अभियंता सिंचाई विभाग, सामाजिक कार्यकर्ता सम्पत लढ्डा, दिनेश श्रीमाली, राजकुमार दक और मधुसुदन व्यास, मदनलाल चौधरी, भगवत शर्मा, रचना तेंलग, गोविन्द सनाढय सहित शहर के वरिष्ठ नागरिको, तैराकी संघ के सदस्यों एवं राजकीय कर्मचारियों ने गुरूवार को प्रात: लगभग 3 घंटे तक श्रमदान कर जलधरा घाट से गऊघाट की ओर के क्षेत्र में खडी गाजरघास, पोलीथीन के थेलिया, कांटो सहित झील के पानी में अपना फैलाव कर चुकी घोडाघास को जेवों के माध्यम से खीच खीच कर बाहर निकाला एवं टेक्ट्रर ट्रॉलियों में भरभर कर उचित स्थान पर निस्तारण के लिए भिजवाया गया। श्रमदान के तुरन्त बाद देखा तो पाया कि इस किनारे का स्वरूप साफ सुथारा नजर आ रहा था। जिससे यह स्थल मनमोहक हो गया। श्रमदान का कार्य झील के चारो तरफ पडी गन्दगी के हटने तक जारी रहेगा।

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