Wednesday, June 10, 2009

बच्च को संस्कार से जोडने में मां की भूमिका : मुनि जतन

राजसमन्द। व्यक्ति महान बने किन्तु अति महत्वकांक्षी न बने। अहंकार व ममकार में के बाधक तत्व है। में से नहीं हम से विनम्रता, सहिष्णुता व सामंजस्यता द्वारा नारी परिवार को सुसंस्कारित करें। मां का प्रथम दायित्व बच्चाें में स्नेह के साथ संस्काराें का बीजारोपण करें। शिक्षित मां का दायित्व है बच्चाें को शिक्षा के साथ संस्काराें से भी जोडे। उक्त विचार मुनि जतन कुमार ने भिक्षु बोधि स्थल में श्री जेन श्वेताम्बर तेरापंथ महिला मंडल राजसमन्द की साप्ताहिक संगोष्ठी में व्यक्त किए। इस अवसर पर मुनि आनन्द कुमार ने भी विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी का शुभारंभ महिला मंडल द्वारा जागो बहिनों नव प्रभात .. गीत से हुआ।

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