Tuesday, June 9, 2009

रुपए निगल गई एटीएम मशीन

मैनपुरी नहीं जा पाया नेत्रपाल का परिवार
उपभोक्ता को फुटबॉल बनाया बैंक शाखाओं ने
राजसमन्द। स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर के कांकरोली स्थित एटीएम बूथ से मंगलवार दिन में पैसे निकालने गए नेत्रपाल सिंह की आंखे तब फटी की फटी रह गई जब एटीएम मशीन ने पूरी कार्रवाई होने के बाद भी पैसे नहीं उगले और सिंह के खाते से बैलेंस घटा दिया और तो और नीम वह भी करेला चढ़ा की कहावत तब चरितार्थ हुई जब नेत्रपाल सिंह कांकरोली और राजनगर की बैंक शाखाओं के मध्य अपना दुखड़ा लेकर दौड़ता रहा लेकिन किसी ने उसकी परेशानी पर ध्यान नहीं दिया। एटीएम से राशि नहीं निकलने की परेशानी से दो घंटे के दौरान चार-पांच उपभोक्ताओं को रूबरू होना पड़ा।
वाकया हुआ यूं कि गोविंद नगर (हाउसिंग बोर्ड) कॉलोनी निवासी नेत्रपाल सिंह को मंगलवार रात को पैतृक गांव मैनपुरी उत्तरप्रदेश जाना था इसके लिए वह आज दिन में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एण्ड जयपुर के कांकरोली क्षेत्र में हाल ही में स्थापित एटीएम बूथ पर अपने वेतन बैंक खाते से पांच हजार पांच सौ रुपए निकालने पहुंचा। बूथ में मशीन की सभी कार्रवाई करने के उपरांत मशीन केवल घरघर्रा कर रह गई। नेत्रपाल सिंह कुछ देर तक मशीन से राशि निकलने का इंतजार करता रहा लेकिन राशि नहीं निकली इस पर नेत्रपाल सिंह घबरा गया और इस एटीएम बूथ से निकल कर कलेक्ट्रेट मार्ग स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंदौर के बूथ पर पहुंचा और बैलेंस चैक किया जहां उसके खाते से राशि आहरित होना दर्शाया गया।
मशीन द्वारा राशि नहीं निकलने और खाते में से भी माइनस होने पर घबराया हुआ नेत्रपाल सिंह एसबीबीजे की राजनगर शाखा पहुंचा जहां मौजूद अधिकारी ने सिंह से कहा कि उक्त एटीएम कांकरोली बैंक शाखा से सम्बन्धित है अत: वहां सम्पर्क करे। इस पर सिंह वहां से कांकरोली शाखा पहुंचा तो यहां मौजूद अधिकारियों ने उसे अपने बैंक का ग्राहक नहीं बताते हुए उसे राजनगर शाखा जहां उसका खाता है वहां सम्पर्क करने तथा शिकायत देने के लिए कहा। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद राजनगर बैंक शाखा ने उसकी शिकायत ले ली और कहा कि जांच के उपरांत बताई राशि प्लस में पाई गई तो उसके खाते में जमा कर दी जाएगी।
मंगलवार को एटीएम मशीन की तकनीकी खराबी का शिकार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का एम्बूलेंस चालक भी हुआ। वह भी उक्त एटीएम बूथ से सात हजार रुपए निकवाने आया और सारी कार्रवाई के उपरांत जब मशीन ने रुपए बाहर निकाले लेकिन कर्मचारी रुपए लेता इसी दौरान मशीन ने रुपए वापस अंदर ले लिए। उक्त कर्मचारी ने भी शिकायत प्रस्तुत की है।

तब हालात यादा खराब हो जाती : बैंक उपभोक्ताओं को वक्त जरूरत पैसा उपलब्ध हो इस उददेश्य से स्थापित ऑटोमेटिक ट्रेलर मशीन में तकनीकी खराबी से शहर के कई उपभोक्ताओं को रूबरू होना पड़ा है। कई उपभोक्ताओं के साथ जब यह घटना घटी तब उन्हें कंगाली में आटा गीला जैसी कहावत चरितार्थ होती दिखी। यही नहीं एटीएम बूथ से पैसा नहीं निकलने पर कई उपभोक्ताओं बैंक द्वारा दो-दो माह तक मामले की जांच तक रूका रहना पड़ा। ऐसे में उनकी परेशानी बढ़ती ही जाती है। वहीं कई व्यापारी, कर्मचारियों को कार्यस्थल से जिला मुख्यालय पर आना पड़ता है ऐसे में रुपए नहीं होने पर उन्हें एटीएम बूथ से रुपए निकालने होते है लेकिन मशीन की खराबी से रुपए नहीं निकलने या रुपए वापस अंदर चले जाने पर वक्त जरूरत उन्हें परेशानी ही हाथ लगती है।

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