राजसमन्द। मुनि तत्वरूचि ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ अध्यात्म जगत की महान विभूती है। उनका चिंतन सर्वथा मौलिक, व्यावहारिक और व्यापह है। वे दार्शनिक संतो में अपना गरिमामय स्थान रखते है। उनकी उर्वर मेधा, प्रखर मनीषा से बौद्धिक वर्ग बहुत प्रभावित है। उक्त विचार मुनि ने रविवार को भिक्षु बोधि स्थल राजसमन्द में आचार्य महाप्रज्ञ के पट्टोत्सव दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। उन्होने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ तेरापंथ धर्मसंघ के दशवें अधिशास्ता है। उनमें आध्यात्मिकता और दार्शनिकता का समन्वय है। इसीलिए वे कुशल अनुशास्ता और संघ्श् के अधिनेता है। मुनि ने कहा धर्म जीवन शैली है और दर्शन जीवन की दृष्टि है। आचार्य महाप्रज्ञ की दृष्टि में अहिंसा और शांति की स्थापना भय और आतंक से नहीं प्रेम और करूणा से होगी। मुनि तत्व ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञ एक युग पुरूष और करूणा व प्रज्ञा के अवतार है। इस अवसर पर मुनि भवभूति, मुनि कोमल व मुनि विकास सहित तेरापंथ सभा की ओर से रमेश कुमार चपलोत, महेश कुमार लोढा, महिला मंडल की श्रीमती मंजू बडोला, कन्या मंडल की संयोजिका सुश्री स्वाति मादरेचा ने भी विचार व्यक्त किए।
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