राजसमन्द। मुनि तत्वरूचि तरूण ने कहा कि अमिट आस्था का पे्ररक पर्व है होली। यदि अपने धर्म और आराध्य के प्रति आस्था दृढ और गहरी हो तो कोई भी ताकत उसे सत पथ से डिगा नहीं सकती। उन्होने सोमवार को तेरापंथ भवन में होली पर्व की पूर्व संध्या पर धर्मसभा में यह विचार व्यक्त किए। उन्होने कहा होली रंगो का पर्व है। रंग हमारे व्यक्तित्व को बहुत प्रभावित करते हैं। जैन धर्म में लेश्या सिद्धान्त रंगो पर आधारित है। जैसी लेश्या वैसे रंग, जैसा रंग वैसे भाव। आदमी के जैसे भाव होते हैं वेसे विचार आते हैं फिर उससे आचार प्रभावित होता है। उन्होने कहा यदि होली का रंग ध्यान के संग हो तो भीतर बाहर दोनो स्तर पर हर्षोल्लास का अनुभव कर सकते हैं।
अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता : मुनि तत्वरूचि तरूण के सान्निध्य में रविवार रात्रि को तेरापंथ भवन कांकरोली में आध्यात्मिक अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता हुई। जों लडके व लडकियां तथा पुरूष व महिलाओं के मध्य हुई जिसमें प्रथम भाग में लडके विजय रहे। पुरूष महिला के बीच प्रतियोगिता बराबर रही।
अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता : मुनि तत्वरूचि तरूण के सान्निध्य में रविवार रात्रि को तेरापंथ भवन कांकरोली में आध्यात्मिक अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता हुई। जों लडके व लडकियां तथा पुरूष व महिलाओं के मध्य हुई जिसमें प्रथम भाग में लडके विजय रहे। पुरूष महिला के बीच प्रतियोगिता बराबर रही।
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