Monday, March 16, 2009

मनुष्य जन्म आत्मा से परमात्मा बनने का सुअवसर : मुनि तत्वरूचि

राजसमन्द। मुनि तत्वरूचि तरूण ने कहा कि नर से नारायण और आत्मा से परमात्मा बनने का सुअवसर है मनुष्य भव, जो दुर्लभ मनुष्य जन्म को पाकर उसका लाभ नहीं उठाता है, अर्थात उससे आत्म कल्याण का प्रयास नहीं करता वह निश्चित एक स्वर्णिम अवसर को व्यर्थ खो देता है। अत: मनुष्य जीवन को बेशकीमती जानकर उसका सदुपयोग करना चाहिए। वे सोमवार को तेरापंथ भवन कांकरोली में आगम वाणी के पवित्र सूत्राें पर प्रवचन कर रहे थे। उन्होने कहा कि दुनियां में जीवन सर्वाधिक कीमती है। किसी भी भौतिक वस्तु से उसकी तुलना नहीं की जा सकती। हर चीज की कीमत जीवन के पीछे है। जीवन है तो सब कुछ है। जीवन के अभाव में चीज का कोई मूल्य नहीं। मुनि ने अनेक आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक कारणाें के आधार पर मनुष्य जीवन को दुर्लभ बताया। इसके साथ ही उन्होने धर्म श्रवण, धर्म श्रध्दा और संयम में पराक्रम को दुर्लभ बताया।
अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता: मुनि तत्वरूचि तरूण के सान्निध्य में रविवार रात को तेरापंथ भवन कांकरोली में आध्यात्मिक अन्त्याक्षरी प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें पुरूषाें ने महिलाआें पर पांच अंको की बढत प्राप्त कर विजय हासिल की। इस अवसर पर धर्मेश डांगी, जगजीवन चोरडिया, गणेशमल कच्छारा, मिश्रीलाल बोहरा, प्रमोद सोनी, कमलेश बोहरा, घनश्याम तलेसरा, विनोद कुमार बडाला,पारसमल बाफना, अवनीश पोकरना, शंकरलाल पगारिया, अर्जुन पोकरना, मंजू चोरडिया, नीता सोनी, वर्षा कर्णावट आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मुनि तत्वरूचि तरूण ने किया। मुनि विकास ने मंगलाचरण किया।

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