राजसमन्द। पैगम्बर हजरत मोहम्मद स्वलल्लाहो अलैह व सल्लम के जन्म दिन (विलादत) का जश्न ईद मिलादुन्नबी मंगलवार को पूरे जिले में हर्षोल्लास के साथ पारम्परिक तरीके से मनाया गया। जुलूस ए मोहम्मदी निकाले गए वहीं रात्रि को धार्मिक आयोजन हुए।
राजनगर हुसैनी चौक से जुलूस प्रारंभ हुआ जो शहर के मुख्य मार्गों से गुजरा। जुलूस में घोड़े, ऊंट गाडियां आदि का काफिला था। वहीं जुलूस के स्वागत के लिए जगह-जगह स्वागत द्वार बनाए गए। सफेद परिधानों में जुलूस में सम्मिलित धर्मावलम्बी नाते शरीफ पढते चल रहे थे तो युवा जोश-खरोश के साथ धार्मिक नारेबाजी कर रहे थे।
किशोर व बालक सिर पर हरे रंग की पट्टीयां व हाथ मेें मोहम्मद (स.अ.स.) के जीवन प्रसंगों से संबंधित लिखे श्लोगन की तख्तियां लिए चल रहे थे। जुलूस ए मोहम्मदी का अन्य धर्मों के लोगों ने भी स्वागत किया। जुलूस पर पुष्प वर्षा तथा आतिशि पुष्प वर्षा की गई जिसे देखने सबकी नजरे ठहर सी गई। इससे पूर्व रात्रि को हुसैनी चौक पर तकरीर का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ, जिसमें बाहर से आए धार्मिक विद्वानों ने मोहम्मद (स.अ.स.) के जीवन पर प्रकाश डाला। मुफ्ती ए राजस्थान जनाब अशफाक एहमद साहब (जोधपुर), मौलाना अबुल हक्कानी साहब बिहार व मुफ्ती इमरान साहब बरेली शरीफ को सुनने सुबह पांच बजे तक श्रद्धालु जुटे रहे। इन्होने मोहम्मद (स.अ.स.) के जीवन प्रसंगों पर प्रकाश डालते हुए उनके बताए मार्ग पर चलने की आवश्यकता प्रतिपादित की। इधर कांकरोली ईदगाह मस्जिद में भी बारह दिन से रोजाना ईशा की नमाज के बाद ईद मिलादुन्नबी को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिनमें ईदगाह मस्जिद के ईमाम ने तकरीर की तो शेख अब्दुल हमीद ने नात शरीफ सुनाकर लोगो को मोहम्मद (स.अ.स.) के जीवन प्रसंगों का उल्लेख किया। ईद मिलादुन्नबी पर लोगों ने एक दूसरे को मुबारकबाद दी वहीं घरों में मिठाइयोंं के विविध व्यंजन बनाए गए।
राजनगर हुसैनी चौक से जुलूस प्रारंभ हुआ जो शहर के मुख्य मार्गों से गुजरा। जुलूस में घोड़े, ऊंट गाडियां आदि का काफिला था। वहीं जुलूस के स्वागत के लिए जगह-जगह स्वागत द्वार बनाए गए। सफेद परिधानों में जुलूस में सम्मिलित धर्मावलम्बी नाते शरीफ पढते चल रहे थे तो युवा जोश-खरोश के साथ धार्मिक नारेबाजी कर रहे थे।
किशोर व बालक सिर पर हरे रंग की पट्टीयां व हाथ मेें मोहम्मद (स.अ.स.) के जीवन प्रसंगों से संबंधित लिखे श्लोगन की तख्तियां लिए चल रहे थे। जुलूस ए मोहम्मदी का अन्य धर्मों के लोगों ने भी स्वागत किया। जुलूस पर पुष्प वर्षा तथा आतिशि पुष्प वर्षा की गई जिसे देखने सबकी नजरे ठहर सी गई। इससे पूर्व रात्रि को हुसैनी चौक पर तकरीर का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ, जिसमें बाहर से आए धार्मिक विद्वानों ने मोहम्मद (स.अ.स.) के जीवन पर प्रकाश डाला। मुफ्ती ए राजस्थान जनाब अशफाक एहमद साहब (जोधपुर), मौलाना अबुल हक्कानी साहब बिहार व मुफ्ती इमरान साहब बरेली शरीफ को सुनने सुबह पांच बजे तक श्रद्धालु जुटे रहे। इन्होने मोहम्मद (स.अ.स.) के जीवन प्रसंगों पर प्रकाश डालते हुए उनके बताए मार्ग पर चलने की आवश्यकता प्रतिपादित की। इधर कांकरोली ईदगाह मस्जिद में भी बारह दिन से रोजाना ईशा की नमाज के बाद ईद मिलादुन्नबी को लेकर कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिनमें ईदगाह मस्जिद के ईमाम ने तकरीर की तो शेख अब्दुल हमीद ने नात शरीफ सुनाकर लोगो को मोहम्मद (स.अ.स.) के जीवन प्रसंगों का उल्लेख किया। ईद मिलादुन्नबी पर लोगों ने एक दूसरे को मुबारकबाद दी वहीं घरों में मिठाइयोंं के विविध व्यंजन बनाए गए।
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