राजसमंद। कुंभलगढ वन विभाग की ओर से शुक्रवार को कडिया पंचायत के सिंया गांव में वन भूमि पर किया गया कब्जा ध्वस्त किया गया। हालांकि नोटिस दिए बिना व आघिकारिक आदेश के बिना की गई इस कार्रवाई से कुछ देर तक माहौल गरमाया रहा।जानकारी के अनुसार क्षेत्रीय वन अघिकारी मणिशंकर चौबीसा ने वनपाल को मौखिक तौर पर वागोर पार्ट-सी पर काबिज आदिवासी परिवारों को बेदखल कर कब्जे ध्वस्त करने के निर्देश दिए थे।
राजसमंद मुख्यालय से पुलिस के चार जवान, दो महिला पुलिसकर्मी, केलवाडा थाना से पुलिस बल, वन विभाग राजसमंद के कर्मचारी, कुंभलगढ वन क्षेत्र के वनपाल व वन रक्षकों ने मौके पर पहुंच कर कब्जे ध्वस्त करने की कार्रवाई आरंभ कर दी। अचानक हुई इस कार्रवाई से आदिवासी परिवार बौखला गए और घरों से बाहर निकल कर प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध करने लगे, लेकिन प्रशासन ने कार्रवाई को उचित मानते हुए ध्वस्त करना जारी रखा।
आमने-सामने हुए प्रशासन और आदिवासीअतिक्रमण हटाओ दस्ते के मौके पर पहुंच कार्रवाई प्रारंभ करते ही बडी संख्या में आदिवासी मौके पर आ जमे और कार्रवाई का विरोध करने लगे। आदिवासियों का कहना था कि मौके से हटने की बिना मियाद दिए प्रशासन की ओर से की जाने वाली यह कार्रवाई गैर वाजिब है।
राजसमंद मुख्यालय से पुलिस के चार जवान, दो महिला पुलिसकर्मी, केलवाडा थाना से पुलिस बल, वन विभाग राजसमंद के कर्मचारी, कुंभलगढ वन क्षेत्र के वनपाल व वन रक्षकों ने मौके पर पहुंच कर कब्जे ध्वस्त करने की कार्रवाई आरंभ कर दी। अचानक हुई इस कार्रवाई से आदिवासी परिवार बौखला गए और घरों से बाहर निकल कर प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध करने लगे, लेकिन प्रशासन ने कार्रवाई को उचित मानते हुए ध्वस्त करना जारी रखा।
आमने-सामने हुए प्रशासन और आदिवासीअतिक्रमण हटाओ दस्ते के मौके पर पहुंच कार्रवाई प्रारंभ करते ही बडी संख्या में आदिवासी मौके पर आ जमे और कार्रवाई का विरोध करने लगे। आदिवासियों का कहना था कि मौके से हटने की बिना मियाद दिए प्रशासन की ओर से की जाने वाली यह कार्रवाई गैर वाजिब है।
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