Tuesday, August 18, 2009

जिला परिषद भवन में हुआ अहम बदलाव

राजसमन्द। राजसमन्द जिला परिषद के महाराणा प्रताप भवन की आंतरिक दीवारें अब नरेगा योजना एवं हरित राजस्थान योजना की जिले में सफल क्रियान्विति को बयां कर रही है।
जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं नरेगा योजना के अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक रामपाल शर्मा के मार्गदर्शन में तैयार किए गए आकर्षक छायाचित्र युक्त फ्लेक्स बोर्ड्स को महाराणा प्रताप भवन के प्रथम तल की दीवारों पर प्रदर्शित किया गया है। इन फ्लेक्स बोर्ड पर जहां नरेगा योजना एवं हरित राजस्थान योजनाओं की जानकारी एवं प्रावधान आम भाषा में प्रदर्शित किए गए है वहीं जिले में इन योजनाओं की सफल क्रियान्विति का दिग्दर्शन भी भवन की आंतरिक दीवारों से हो जाता है। भवन में जगह-जगह हरे भरे पौधों से युक्त गमले स्थापित किए गए है, साथ ही परिसर में गन्दगी न करने के लिए चेतावनी लिखी तख्तियां भी लगाई गई है जिन पर गन्दगी करने पर 151 रुपए जुर्माना लगाना दर्शाया गया है। जिला परिषद परिसर में वन महोत्सव के तहत हुए पौधरोपण एवं पर्यावरण विकास संस्थान की ओर से विकसित की जा रही बगीची के साथ ही यह परिसर हरित राजस्थान स्कीम के लघु मॉडल के रूप में विकसित होता नजर आ रहा है।
जिला परिषद के भूमि तल परिसर में ग्रामीणों के लिए नरेगा योजना अन्तर्गत हरे रंग की एक शिकायत पेटिका भी स्थापित की गई है जिसमें आम ग्रामीण कभी भी इस योजना के अपने गांव में संचालन के सम्बन्ध में अपनी शिकायत लिखित रूप में डाल सकता है। इससे प्रशासन को योजना के सफल संचालन में सुविधा होगी वहीं योजना की क्रियान्विति में रहने वाली खामियों को दूर किया जा सकेगा। योजना में पारदर्शिता को भी सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी। ऐसी ही एक पेटिका जिला कलेक्ट्रेट परिसर में भी लगाई गई है।
जिला परिषद में प्रतिदिन सैकड़ों ग्रामीणों एवं पंचायती राज से जुड़े जन प्रतिनिधियों का आना जाना लगा रहता है। आम ग्रामीणों एवं जन प्रतिनिधि दीवारों पर लगे फ्लेक्स बोर्ड पर आम भाषा में लिखित नरेगा के प्रावधानों, नरेगा योजना में अनुमत कार्यो के प्रकार, कार्यस्थल पर आवश्यक सुविधाओं, मेडिकल किट में दी जाने वाली दवाईयों के नाम, जिले में नरेगा के अन्तर्गत गांवों में हुए कार्यो की फोटो प्रदर्शनी, हरित राजस्थान कार्यक्रम के क्रियान्वयन की इतनी जानकारी आदि देखकर दंग रह जाते है। सबसे बड़ी बात कि इन जानकारियों को वे अच्छी तरह समझ पाते है।
जिला प्रमुख नारायणसिंह भाटी ने भी इस प्रकार के प्रयास की सराहना की है। जिला परिषद में आने वाले ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों का कहना है कि वास्तव में ये जानकारियां उनके लिए काफी फायदेमंद व उपयोगी है। साथ ही अपने कार्यस्थल पर हुए आंतरिक बदलाव को लेकर कर्मचारी भी अच्छा महसूस कर रहे है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही जिला परिषद की ओर से भवन में स्थित सभाकक्ष का पुनरुध्दार, वाहन स्टेण्ड निर्माण, स्टोर रूम निर्माण, किसान विश्रान्ति गृह निर्माण एवं परिसर में इंटरकॉम सुविधा के साथ साथ दो नए वाहन क्रय के लिए 25 लाख रुपए की राशि निजी आय, एसएफसी प्रशासनिक मद से स्वीकृत किए गए है। किसान विश्रान्ति गृह का निर्माण कार्य शुरु किया जा चुका है जिससे निश्चित ही दूर दराज से जिला मुख्यालय पर आने वाले किसानों को सुविधा मिल सकेगी। जिला परिषद भवन में हुए इस नवाचार के माध्यम से यह भवन सूचना, शिक्षा एवं सम्प्रेषण का केन्द्र न गया है।

No comments: