राजसमन्द। कुंभलगढ में शुक्रवार को वन विभाग की ओर से सिंया गांव में वन भूमि पर काबिज आदिवासियों के अतिक्रमण तो हटा दिए गए लेकिन वन भूमि मवेशियों के विचरण के लिए छोड दी जिसके चलते इस वन भूमि पर पिछले कई साल से लगाए गए पेड -पौधे व बोई गई फसलें नष्ट हो गई।
जानकारी के अनुसार अतिक्रमण हटाने के बाद गिराई गई दीवार खुली हो जाने के बाद सोमवार को वन भूमि की सुरक्षा करने वाला कोई नहीं था जिससे वन क्षेत्र का अस्तित्व खतरे में पड गया है। अब इस क्षेत्र की सुरक्षा का जिम्मा किसका है, इस अनुत्तरित प्रश्न का वन विभाग ही उत्तर दे सकता है।
जानकारी के अनुसार अतिक्रमण हटाने के बाद गिराई गई दीवार खुली हो जाने के बाद सोमवार को वन भूमि की सुरक्षा करने वाला कोई नहीं था जिससे वन क्षेत्र का अस्तित्व खतरे में पड गया है। अब इस क्षेत्र की सुरक्षा का जिम्मा किसका है, इस अनुत्तरित प्रश्न का वन विभाग ही उत्तर दे सकता है।
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