Friday, August 7, 2009

स्वैच्छिक रक्तदान से मिलता है आत्मिक सुख : दक

राजसमन्द। रक्तदान द्वारा किसी को नव जीवन देकर जो आत्मिक सुख मिलता है उसका न तो कोई मूल्य आंका जा सकता है एवं न ही उसे शब्दाें में व्यक्त किया जा सकता है। स्वैच्छा से रक्तदान देने वाला मनुष्य मानव मात्र सहायता कर जान बचाता है।
उक्क्त विचार भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी के मानद सचिव राजकुमार दक ने नौ अगस्त को भिक्षु बोधिस्थल परिसर में तेरापंथ युवक परिषद राजसमन्द एवं रेडक्रॉस सोसायटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित रक्तदान शिविर के लिए किए जा रहे जनसम्पर्क अभियान में नुक्कड सभाआें मेंे व्यक्त किए। दक ने बताया कि चिकित्सकाें का मानना हे कि रक्तदान खून कोलेस्ट्रोल को बढाने से रोकता है एवं खून के गाढापन को कम करता है। रक्तदान शरीर द्वारा रक्त बनाने की प्रक्रिया को भी तेज कर देता है। ऐसे अनेक फायदाें के कारण अनेक स्त्री-पुरूषाें ने नियमित रूप से वर्ष में कम से कम एक बार रक्तदान करने का नियम बना रखा है।
तेयुप अध्यक्ष अनिल दुग्गड एवं उपाध्यक्ष उत्तम कावडिया ने आमजन का आह्वान किया कि वे रविवार को प्रात: दस बजे से एक बजे तक आयोजित शिविर में आकर रक्तदान करें एवं एक बार इस प्रक्रिया को जरूर समझे ताकि जब कभी भी परिजन अथवा जरूरतमंद व्यक्ति के लिए रक्तदान करना पड जाए तो कोई भ्रान्ति नहीं रहे। मंत्री भूपेश धोका, किशोर मंडल संयोजक मोहित बडोला, पंकज मादरेचा, राहुल कावडिया, हिम्मत धोका, आशीष दक, जगप्रेमी बडोला, गोपाल चौधरी, धर्मेश बडोला, चेतन कोठारी, नितिन बडोला, रमेश चोरडिया, विजेन्द्र मादरेचा, मनीष धोका सहित अनेक कार्यकर्ताआें ने सिलावट वाडी, कलालवाटी, किशोरनगर, मालीवाडा, मोरचना, पसून्द क्षेत्र में जनसम्पर्क किया।

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