राजसमन्द। छठे वेतनमान को लागू किए जाने के आदेश हुए छह महीनो से भी अधिक समय बीत चुका है लेकिन जिले के कई शिक्षक इस परिलाभ को पाने के लिए अब भी मोहताज है। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय की जिला शाखा ने इस पर कडी प्रतिक्रिया देते हुए इस कार्य में तत्परता नहंी बरते जाने पर कडे आंदोलन की चेतावनी दी है। शिक्षक संघ के जिलध्यक्ष प्रभु गिरी गोस्वामी ने कहा कि वेतन स्थिरीकरण को लेकर कार्यालयों द्वारा भारी अनियमितताएं बरती जा रही है, वेतन परिलाभ पाने के लिए ये शिक्षक आए दिन कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हे, बिना किसी वजह तथा आक्षेप के इनकी सेवा पुस्तिकाएं कुछ पाने के लिए यूं ही अटका रखी है। कई महिला शिक्षिकाएं आए दिन कार्यालयों के चक्कर लगाती है तो कभी उनके पति इन कार्यालयों के चक्कर लगाते है लेकिन संबंधित काम्रिको के मन में कुछ खोट होने की वजह से इनके कानो पर जूं तक नहीं रेंगती तथा अधिकारी लोग हाथ पर हाथ धरे केवल तमाशा देख रहे हैं, गोस्वामी ने कहा कि इन शिक्षकों के हजारों रुपए वेतन परिलाभ नहंी मिल पाने की वजह से अटके पडे है। वेतन नियमन हो जाने के पश्चात हर शिक्षक को पचास से ाठ हजार रुपए के एरियर का लाभ मिलता है लेकिन हालात यह है कि नियमन ही नहीं हो पा रहा है। शिक्षक संघ के जिला संगठन मंत्री गिरिजा श्ंाकर पालीवाल, जिला मंत्री रामचन्द्र पानेरी, प्रातीय उपाध्यक्ष यशोदा दशोरा, मंत्री निरंजन पालीवाल, घनश्याम तेली, अशोक पालीवाल, शिवदास वैरागी आदि शिक्षक नेताओं ने चेतावनी दी है कि 15 फरवरी से पूर्व यदि वंचित शिक्षकों के वेतन स्थिरीकरण नहीं किए गए तो प्रदेश के शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव था निदेशक को इस बारे में शिकायत कर कार्रवाई की मांग की जाएगी।
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