Friday, February 6, 2009

परिजनों से बिछड़े नीरव की तलाश

राजसमन्द। अहमदाबाद निवासी किशोरभाई लाखनी पिछले चार माह से अपने पुत्र नीरव की खोज में दर-दर भटक रहा है लेकिन अब तक कोई पता नहीं लगने से वह बेचेन हो उठा है। हालांकि एक सप्ताह पूर्व उसे नाथद्वारा से यह सूचना मिली कि वह इस क्षेत्र में घूम रहा है लेकिन जब तक पिता यहां पहुंचा तो वह नहीं मिल पाया। ऐसे में उसने भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी के मानद सचिव राजकुमार दक को सारा वाकया बयां कर सहायता की गुहार की। नीरव के पिता ने दक को बताया कि चार माह पूर्व तक वह दुबई में नौकरी करता था। कुछ माह पूर्व जब उससे सम्पर्क नहीं हुआ तो दूतावास से पता करने पर पता चला कि वह भारत के लिए निकल गया। तब से अब तक पिता एवं परिजन कई जगह ढूंढ रहे हैं। जनवरी माह के अन्तिम सप्ताह में नाथद्वारा से उसके पिता के पास फोन आया कि वह इस क्षेत्र में घूम रहा है इस पर चार दिन पूर्व पिता लाखानी नाथद्वारा पहुंचा एवं उसकी तलाश की लेकिन इससे पूर्व ही वह और कहीं चला गया। नाथद्वारा मेें कुछ होटलों में वह रूका इस बात की पुष्टि पिता द्वारा की गई। पिता बताते है कि नीरव की दुबई में नौकरी छूट गई उसके बाद से वह कुछ परेशान सा रहने लगा एवं मानसिक चिन्ता के चलते ही संभवत: वह इधर उधर भटक रहा है।

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