Sunday, December 6, 2009

लक्ष्य पूरे न किए तो सस्पेंड!

राजसमंद। राज्य सरकार ने नसबंदी के लक्ष्य पूरे न कर पाने वाले सरकारी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त करने अथवा उनकी वेतन वृद्धि पर रोक लगाने का फरमान जारी कर दिया है। परिवार कल्याण निदेशक ने राज्य का दौरा शुरू कर दिसम्बर की शुरूआत के साथ ही ऎसे कर्मचारियों की सूची बनाने का निर्देश दिया है।
राज्य सरकार ने राज्य भर में नसबंदी को लेकर अभियान छेड दिया है। आरंभ में सरकार ने केवल मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अघिकारियों को इस कार्य का जिम्मा सौंप कर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और एएनएम-जीएनएम के मार्फत लक्ष्य प्राप्त करने के निर्देश दिए थे।
कुछ महीनों पहले सरकार ने एक और आदेश जारी कर इस कार्य के लिए जिला कलक्टरों को भी इसके लिए निर्देश दिया है। इसके अलावा पटवारियों, ग्राम सहायक पदेन सचिवों, आशा सहयोगिनियों, दाइयों सहित कई अन्य प्रमुख अघिकारियों को भी इससे जोड दिया है।
पहले निलम्बन, फिर बर्खास्त
राज्य सरकार के आदेश में कहा गया है कि जो अघिकारी, कर्मचारी दिए गए लक्ष्य को निर्घारित समय अवघि में पूरा नहीं करेंगे उन्हें पहले निलम्बित किया जाएगा और फिर उनके कामकाज में सुधार न हुआ तो उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जाएगा और दिए गए लक्ष्य से कुछ दूर रह जाने वालों की वेतन वृद्धि पर रोक लगा दी जाएगी।
मार्च तक पूरा करने के निर्देश
चालू वित्तीय वर्ष के दौरान राज्य सरकार की ओर से दिए गए लक्ष्य मार्च तक पूरे करना हैं। लक्ष्य पूरे करने का आदेश लागू होने के आठ माह पूरे होने के साथ ही प्रगति रिपोर्ट लेने के लिए जयपुर से निदेशक (परिवार कल्याण) डॉ. मोतीलाल जैन ने विभिन्न जिला मुख्यालयों पर मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अघिकारियों, उप मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अघिकारियों (स्वास्थ्य) व उप मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अघिकारियों (परिवार कल्याण), संयुक्त निदेशकों, मुख्य चिकित्सा अघिकारियों, खंड मुख्य चिकित्सा अघिकारियों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारियों आदि की बैठकें लेना शुरू कर दिया है।
60 फीसदी से ज्यादा का लक्ष्य
अब तक राज्य में नसबंदी का आंकडा साठ फीसदी के अंदर ही अंदर रहा है। राच्य सरकार ने अब इससे अघिक नसबंदी करवाने के लिए ही यह कदम उठाया है।
सभी जिला मुख्यालयों पर समीक्षा बैठकें ली जा रही हंै। कम लक्ष्य प्राप्त करने वाले चिकित्सा अघिकारियों व कर्मचारियों के विरूद्ध कानूनी कार्रवाई के लिए मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अघिकारियों को निर्देश दिया गया है, जो अघिकारी-कर्मचारी जिम्मेदारी से कार्य नहीं कर रहे हैं, उनकीवेतन वृद्धि पर रोक लगाई जाएगी।
-डॉ. मोतीलाल जैन, निदेशक, परिवार कल्याण, जयपुर

No comments: