देवगढ। स्थानीय नगर पालिका की आय बढाने के साथ क्षेत्र में काबिज केबिन धारियों को स्थाई रोजगार देने के उद्देश्य से बस स्टैण्ड के समीप बनाए गए पालिका बाजार की दुकानें अर्थहीन साबित हो रही है। बिना किसी योजना और सोच के साथ बनाई गई इन दुकानों तक पहुंचने के लिए पालिका अब हाल ही में निर्मित इन दुकानों में से दो को तोड शेष के लिए रास्ता बनाने का प्रयास कर रही है।
जानकारी के अनुसार पालिका की ओर से विकास फंड से बस स्टैण्ड के निकट लगभग 15 लाख रूपए की लागत से 30 दुकानों का निर्माण किया गया। 7 गुणा, 8 फीट लम्ब्ाी और चौडी तथा 8 फीट ऊंची इन छोटी-छोटी दुकानो तक पहुंचने के लिए पहले पालिका ने एक रास्ता बस स्टैण्ड की दीवार को तोड कर निकाला, लेकिन इस रास्ते के अव्यवहारिक होने के कारण तीन बत्ती चौराहे से एक अन्य रास्ता बनाने के लिए पालिका ने इन दुकानों में से दो कोे तोडने का निर्णय लिया है।
फिलहाल इन दुकानों के आवंटन के लिए नगर पालिका की ओर से कोई राशि को तय नहीं की गई है। गौरतलब है कि इस सम्बन्ध में नगरपालिका की 7 दिसम्बर को हुई बैठक में पार्षद आपस में काफी देर तक उलझे भी थे। इस सम्बन्ध में बस स्टैण्ड के समीप ही दुकान चलाने वाले जगदीश सिंह, दौलतसिंह, बंशीलाल आदि का का कहना है कि यहां बसों की लगातार आवाजाही से स्थानीय नागरिकों का इन दुकानों तक पहुंचना मुश्किल है।
जानकारी के अनुसार पालिका की ओर से विकास फंड से बस स्टैण्ड के निकट लगभग 15 लाख रूपए की लागत से 30 दुकानों का निर्माण किया गया। 7 गुणा, 8 फीट लम्ब्ाी और चौडी तथा 8 फीट ऊंची इन छोटी-छोटी दुकानो तक पहुंचने के लिए पहले पालिका ने एक रास्ता बस स्टैण्ड की दीवार को तोड कर निकाला, लेकिन इस रास्ते के अव्यवहारिक होने के कारण तीन बत्ती चौराहे से एक अन्य रास्ता बनाने के लिए पालिका ने इन दुकानों में से दो कोे तोडने का निर्णय लिया है।
फिलहाल इन दुकानों के आवंटन के लिए नगर पालिका की ओर से कोई राशि को तय नहीं की गई है। गौरतलब है कि इस सम्बन्ध में नगरपालिका की 7 दिसम्बर को हुई बैठक में पार्षद आपस में काफी देर तक उलझे भी थे। इस सम्बन्ध में बस स्टैण्ड के समीप ही दुकान चलाने वाले जगदीश सिंह, दौलतसिंह, बंशीलाल आदि का का कहना है कि यहां बसों की लगातार आवाजाही से स्थानीय नागरिकों का इन दुकानों तक पहुंचना मुश्किल है।
No comments:
Post a Comment