राजसमंद। नसबंदी के लक्ष्य को पूरा नहीं करने पर सेवा से बर्खास्त करने अथवा वेतन वृद्धि रोकने के संबंध में दिए गए बयान से जिले के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं में रोष बढता जा रहा है। नसबंदी अनिवार्य अथवा स्वैच्छिक आधार पर कराने को स्पष्ट करने की मांग करते हुए बडी तादाद में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने बुधवार को जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर बयान का विरोध किया।
अखिल राजस्थान चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कर्मचारी महासंघ के बैनर तले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम सौंपे ज्ञापन में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार से नसबंदी के बारे में सभी विभागों और कर्मचारी-अघिकारियों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की। कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष जीवनसिंह भाटी, जिला महामंत्री सज्जन मीणा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गायत्री वैष्णव, राजसमंद खण्ड अध्यक्ष सुसम्मा सेमुअल, खण्ड उपाध्यक्ष ज्योत्सना वैष्णव, अनिल आर्य, लुघिनामा पोल आदि के शिष्टमण्डल ने कलक्टर औंकारसिंह को बताया कि कुष्ठ निवारण, क्षय निवारण, मौसमी बीमारियां, पोलियो सहित तमाम प्रकार के राष्ट्रीय कार्यक्रमों में पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य करने के बावजूद स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ सौतेला रवैया अपनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को पदोन्नति देने के संबंध में किसी तरह के नियम-कायदे लागू नहीं किए गए हैं, जबकि एएनएम सभी तरह के राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लक्ष्य प्राप्ति में अहम भागीदारी निभाते हैं।
अखिल राजस्थान चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कर्मचारी महासंघ के बैनर तले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम सौंपे ज्ञापन में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार से नसबंदी के बारे में सभी विभागों और कर्मचारी-अघिकारियों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की। कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष जीवनसिंह भाटी, जिला महामंत्री सज्जन मीणा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गायत्री वैष्णव, राजसमंद खण्ड अध्यक्ष सुसम्मा सेमुअल, खण्ड उपाध्यक्ष ज्योत्सना वैष्णव, अनिल आर्य, लुघिनामा पोल आदि के शिष्टमण्डल ने कलक्टर औंकारसिंह को बताया कि कुष्ठ निवारण, क्षय निवारण, मौसमी बीमारियां, पोलियो सहित तमाम प्रकार के राष्ट्रीय कार्यक्रमों में पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य करने के बावजूद स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ सौतेला रवैया अपनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को पदोन्नति देने के संबंध में किसी तरह के नियम-कायदे लागू नहीं किए गए हैं, जबकि एएनएम सभी तरह के राष्ट्रीय कार्यक्रमों के लक्ष्य प्राप्ति में अहम भागीदारी निभाते हैं।
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