राजसमंद। कुंवारिया पंचायत के तरसिंगडा गांव में बुधवार दोपहर लवाणा पंचायत के लोगों ने प्रस्तावित आंगनवाडी की नींव पाट कर अनघिकृत रूप से दीवार चुन डाली। ग्रामीणों की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस व प्रशासन की समझाइश के बाद अतिक्रमण करने पहुंचे लोग वहां से चले गए।
राज्य सरकार के आदेश से तरसिंगडा में करीब दो वर्ष पूर्व आंगनवाडी के लिए जमीन आवंटित की गई थी। निर्घारित भूमि आराजी संख्या 95/4 पर नरेगा श्रमिक लगा कर 11 दिसम्बर से नींव खुदाई का कार्य चल रहा था, जिसका समीप में बने खेत मालिकों ने विरोध शुरू कर दिया था। मंगलवार शाम को भी खेतों के मालिक अपनी जमीन बताते हुए आंगनवाडी की नींव खुदाई का विरोध करने लगे।
इस पर सरपंच हीरकी भील सहित तरसिंगडा के ग्रामीणों ने समझाइश का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। शाम को तो लवाणा के ग्रामीण चले गए, लेकिन बुधवार सुबह करीब 30 से अघिक लोगों का समूह मौके पर पहुंचा और खोदी गई नींव को पाटने में जुट गया। इस दौरान कुछ लोगों ने प्रस्तावित आंगनवाडी के आगे की ओर से करीब चार फीट ऊंची और तीस-चालीस फीट लम्बी दीवार भी चुन दी।
मौके पर तरसिंगडा के ग्रामीण विरोध करने लगे। इस बीच भाजपा मण्डल उपाध्यक्ष जवाहरलाल जाट ने राजनगर वृत्त निरीक्षक निरंजन आल्हा, विकास अघिकारी विक्रमसिंह राठौड, पंचायत समिति के कनिष्ठ अभियंता गोपाल जैन, पटवारी दुर्गाशंकर तेली आदि को सूचना दे दी।
प्रशासन पहुंचा मौके परसूचना के बाद नायब तहसीलदार, उप निरीक्षक अनवर खान, सिपाही शक्तिसिंह, पटवारी दुर्गाशंकर आदि मौके पर पहुंचे। पटवारी ने मौका नक्शा दिखाया और जमीन को चरनोट की बताया। इस पर ग्रामीण खेत में जाने के लिए रास्ता देने की मांग पर अड गए। बाद में आंगनबाडी के पीछे की ओर 16 फीट का रास्ता देना तय हुआ। काफी समझाइश के बाद भी ग्रामीणों के नहीं मानने पर उप निरीक्षक अनवर खान व अन्य प्रशासनिक अघिकारियों ने ग्रामीणों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी तो ग्रामीण वहां से एक-एक कर खिसक लिए।
पहले भी किया अतिक्रमणपुलिस ने बताया कि लवाणा के ग्रामीणों ने चरनोट की इस भूमि पर करीब डेढ वर्ष पूर्व भी अतिक्रमण का प्रयास किया था, लेकिन तरसिंगडा के ग्रामीणों ने मौके पर डाले गए पत्थरों को वहां से हटवा दिया था।
राज्य सरकार के आदेश से तरसिंगडा में करीब दो वर्ष पूर्व आंगनवाडी के लिए जमीन आवंटित की गई थी। निर्घारित भूमि आराजी संख्या 95/4 पर नरेगा श्रमिक लगा कर 11 दिसम्बर से नींव खुदाई का कार्य चल रहा था, जिसका समीप में बने खेत मालिकों ने विरोध शुरू कर दिया था। मंगलवार शाम को भी खेतों के मालिक अपनी जमीन बताते हुए आंगनवाडी की नींव खुदाई का विरोध करने लगे।
इस पर सरपंच हीरकी भील सहित तरसिंगडा के ग्रामीणों ने समझाइश का प्रयास किया, लेकिन बात नहीं बनी। शाम को तो लवाणा के ग्रामीण चले गए, लेकिन बुधवार सुबह करीब 30 से अघिक लोगों का समूह मौके पर पहुंचा और खोदी गई नींव को पाटने में जुट गया। इस दौरान कुछ लोगों ने प्रस्तावित आंगनवाडी के आगे की ओर से करीब चार फीट ऊंची और तीस-चालीस फीट लम्बी दीवार भी चुन दी।
मौके पर तरसिंगडा के ग्रामीण विरोध करने लगे। इस बीच भाजपा मण्डल उपाध्यक्ष जवाहरलाल जाट ने राजनगर वृत्त निरीक्षक निरंजन आल्हा, विकास अघिकारी विक्रमसिंह राठौड, पंचायत समिति के कनिष्ठ अभियंता गोपाल जैन, पटवारी दुर्गाशंकर तेली आदि को सूचना दे दी।
प्रशासन पहुंचा मौके परसूचना के बाद नायब तहसीलदार, उप निरीक्षक अनवर खान, सिपाही शक्तिसिंह, पटवारी दुर्गाशंकर आदि मौके पर पहुंचे। पटवारी ने मौका नक्शा दिखाया और जमीन को चरनोट की बताया। इस पर ग्रामीण खेत में जाने के लिए रास्ता देने की मांग पर अड गए। बाद में आंगनबाडी के पीछे की ओर 16 फीट का रास्ता देना तय हुआ। काफी समझाइश के बाद भी ग्रामीणों के नहीं मानने पर उप निरीक्षक अनवर खान व अन्य प्रशासनिक अघिकारियों ने ग्रामीणों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी तो ग्रामीण वहां से एक-एक कर खिसक लिए।
पहले भी किया अतिक्रमणपुलिस ने बताया कि लवाणा के ग्रामीणों ने चरनोट की इस भूमि पर करीब डेढ वर्ष पूर्व भी अतिक्रमण का प्रयास किया था, लेकिन तरसिंगडा के ग्रामीणों ने मौके पर डाले गए पत्थरों को वहां से हटवा दिया था।
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