Tuesday, December 15, 2009

मौसम की मार, घर-घर बीमार

राजसमंद। बदलते मौसम के साथ ही मौसमी बीमारियों ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। जिले में घर-घर लोग बीमार हैं। सैकडों मरीज राजकीय व निजी चिकित्सालयों में पहुंचने लगे हैं। जिला मुख्यालय स्थित आरके राजकीय चिकित्सालय में पखवाडे भर में अब तक सर्दी, जुकाम व बुखार से पीडित बडी संख्या में मरीज उपचार के लिए पहुंच चुके हैं। सोमवार को भी जिला चिकित्सालय में रोगियों का तांता लगा रहा। बीमारियों से बचाव के लिए डॉक्टरमरीजों को परामर्श दे रहे हैं।
कभी सर्दी तो कभी गर्मीजिले में मौसमी बीमारियों ने तेजी से पांव पसार लिया है। यहां पखवाडे भर से मौसम में परिवर्तन बदस्तूर जारी है। कभी तेज सर्दी तो कभी गर्मी के दौर से शहरी व ग्रामीण वाले लोग मौसमी बीमारियों (सदी, जुकाम व बुखार) से पीडित होकर खाट पकड रहे हैं। इनमें बच्चों की संख्या अधिक है।
चिकित्सालयों में रेलमपेलशहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में मौसमी बीमारियों से पीडित मरीजों का राजकीय और निजी चिकित्सालयों में तांता लगा हुआ है। आरके राजकीय चिकित्सालय में सुबह से ही रोगी उमड रहे हैं। पखवाडे भर में यहां इन बीमारियों से पीडित 165 मरीज उपचार के लिए पहुंच चुके हैं। सोमवार को भी सुबह से ही चिकित्सकों के कमरों में मरीजों का रेला लगा रहा।
देने लगे सलाहमौसमी बीमारियों से पीडित रोगियों को दवा देने के साथ ही चिकित्सक उन्हें इससे बचने के उपाय भी बता रहे हैं।
ऎसे करें बचावजिला चिकित्सालय के कनिष्ठ विशेषज्ञ डॉ. सी. एल. डूंगरवाल ने बताया कि सर्दी व मौसमी बीमारियों से बचने के लिए ऊनी-गर्म कपडों का इस्तेमाल करना चाहिए। यदि बाहर जा रहे हैं तो कान व मुंह पूरी तरह ढक कर निकलें। धूप सेवन के साथ ही गर्म पेय पदार्थों का इस्तेमाल करें। खांसते समय टिश्यू पेपर का इस्तेमाल करें, ताकि स्वाइन फ्लू से भी बचाव हो सके।
कलक्टर के आदेश की अनदेखीपिछले दिनों जिला चिकित्सालय में रक्तदान शिविर के दौरान कलक्टर औंकारसिंह ने बीपीएल मरीजों के लिए नई व्यवस्था लागू करते हुए यह निर्देश दिया गया था कि बीपीएल काउंटर के सामने अस्पताल का एक कर्मचारी मौजूद रहेगा और वही रोगी का पंजीयन कर उसे चिकित्सक के पास ले जाएगा, लेकिन उनके इस निर्देश को कर्मचारी दरकिनार करते हुए मनमानी करते चले आ रहे हैं। सोमवार को बीपीएल काउंटर के सामने मेज-कुर्सी तो नजर आई, लेकिन उस पर कर्मचारी नहीं दिखा। ऎसे में वहां पर्ची काटने वाला भी कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था जिससे बीपीएल मरीज इधर-उधर भटकते नजर आए।
कौन करे उपचारदेवगढ (निसं.)। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सकों कमी के कारण मौसमी बीमारियों से पीडित रोगियों को उपचार के लिए दूसरे स्थानों पर जाना पड रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि अस्पताल महज एक रेफर चिकित्सालय बन कर रह गया है। यहां लम्बे अरसे से चिकित्सकों का पद रिक्त होने से ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है।
बचाव के उपाय बताएभीम (निसं.)। बदलते मौसम के कारण मौसमी बीमारियों से पीडित रोगियों का स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पहुंचने का सिलसिला जारी है। चिकित्सक पीएन योगेश ने बताया कि यहां आने वाले ज्यादातर मरीज सर्दी, जुकाम और बुखार से पीडित हैं। सभी को दवाइयों के साथ परामर्श भी दिया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि स्थानीय स्वास्थ्य केन्द्र में चिकित्सकों के कुल 14 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में महज पांच डॉक्टर ही नियुक्त हैं। नेत्र चिकित्सा कक्ष पर वर्षों से ताला लटक रहा है।
बढा मौसमी बीमारियों का प्रकोपकुंभलगढ (एसं.)। क्षेत्र में इन दिनों मौसमी बीमारियों का प्रकोप अधिक हो गया है। इसके चलते सरकारी व निजी चिकित्सालयों में प्रतिदिन रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। केलवाडा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के केन्द्राध्यक्ष डॉ. कृपाशंकर मीणा ने बताया कि यहां सर्दी, जुकाम और बुखार से पीडित होकर आने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा है। बच्चों में डायरिया की शिकायत भी आ रही हैं। उन्होंने बताया कि पखवाडे भर में यहां करीब 585 रोगी आ चुके हैं। इनमें 210 पुरूष, 226 महिलाएं तथा 110 बच्चे शामिल हैं।
मरीजों की संख्या बढी

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