राजसमंद। राज्य के परिवार कल्याण विभाग के निदेशक की ओर से नसबंदी, टीकाकरण व संस्थागत प्रसव के संबंध में हाल ही जारी किए गए नियमों को अन्य विभागों में भी लागू करने की मांग को लेकर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल दिया है।
अखिल राजस्थान चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कर्मचारी महासंघ के बैनर तले राज्य सरकार को पत्र भेजकर नसबंदी करवाना स्वैच्छिक है या अनिवार्य, यह स्पष्ट करने की मांग की गई है। महासंघ के जिलाध्यक्ष शिवलाल ने निदेशक के उस बयान की कडी निंदा की, जिसमें निदेशक ने कहा था कि लक्ष्य पूरे नहीं करने वालों के खिलाफ वेतन वृद्धि रोकने अथवा सेवा से बर्खास्त करने जैसी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि अगर नसबंदी कराना जरूरी है तो यह नियम सभी विभागीय कार्मिकों पर लागू किया जाए एवं लक्ष्य की पूर्ति के लिए पुलिस जाब्ता एवं वाहन उपलब्ध कराया जाए। महासंघ ने अघिकारियों पर लक्ष्य की पूर्ति के लिए गंभीरता नहीं बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता संभावितों की सूची अघिकारियों तक पहुंचाते हैं, लेकिन वे समझाइश जैसे कार्य से दूर रहते हैं। उन्होंने नसबंदी नहीं कराने पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को 16 व 17 सीसी के नोटिस थमाने का भी विरोध किया है।
अखिल राजस्थान चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कर्मचारी महासंघ के बैनर तले राज्य सरकार को पत्र भेजकर नसबंदी करवाना स्वैच्छिक है या अनिवार्य, यह स्पष्ट करने की मांग की गई है। महासंघ के जिलाध्यक्ष शिवलाल ने निदेशक के उस बयान की कडी निंदा की, जिसमें निदेशक ने कहा था कि लक्ष्य पूरे नहीं करने वालों के खिलाफ वेतन वृद्धि रोकने अथवा सेवा से बर्खास्त करने जैसी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि अगर नसबंदी कराना जरूरी है तो यह नियम सभी विभागीय कार्मिकों पर लागू किया जाए एवं लक्ष्य की पूर्ति के लिए पुलिस जाब्ता एवं वाहन उपलब्ध कराया जाए। महासंघ ने अघिकारियों पर लक्ष्य की पूर्ति के लिए गंभीरता नहीं बरतने का आरोप लगाते हुए कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ता संभावितों की सूची अघिकारियों तक पहुंचाते हैं, लेकिन वे समझाइश जैसे कार्य से दूर रहते हैं। उन्होंने नसबंदी नहीं कराने पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को 16 व 17 सीसी के नोटिस थमाने का भी विरोध किया है।
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