कुंवारिया। कहते हैं कि जुनूनी व्यक्ति को कोई बांध नहीं सकता और उसे जो जंच जाए, वह वही कर के रहता है। किसी ने सच ही कहा है कि बुलंद हौसला हो तो हर काम आसान हो जाता है।
इन दिनों समीपवर्ती भावा-मादडी गांव के बीच पॉवर ग्रिड से आने वाली विद्युत लाइनों के लिए करीब सवा सौ फीट ऊंचे टॉवरों पर लाइन बिछाने का काम चल रहा है। इन टॉवरों पर कार्यरत श्रमिकों को देख कर तो यह बात अक्षरक्ष सत्य साबित होती है। टॉवर पर काम करने वाले केकडी निवासी रमेश गुर्जर व कालूलाल माली ने बताया कि यह काम करने के लिए एक अलग ही जुनून चाहिए।
उन्हें तो इस काम में दक्षता हासिल हो गई है, लेकिन यह काम करने के दौरान डर से दूर-दूर तक का कोई नाता नहीं होना चाहिए। क्यो कि, अगर जरा से चूके तो गए काम से। टॉवर पर कार्य करने वाले अघिसंख्य श्रमिक एक दशक से भी अघिक समय से इस कार्य से जुडे हुए हैं।
एकाग्रता से कार्यटॉवर पर काम करने वाले बिल्या निवासी हेमराज जाट, आर गणेश, जयनारायण व भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि यह कार्य ऊंचाई के साथ में तकनीकी से भी जुडा हुआ है। इसलिए एकाग्रता पर पूर्ण ध्यान दिया जाता है।
देखते ही देखते चढ गएटॉवर पर चढने के लिए फूर्ति होना भी आवश्यक है। इस पर कार्य करने वाले श्रमिक एक मिनट के समय के भीतर ही 120 फीट ऊंचे टॉवर के अंतिम छोर पर पहुंच जाते हैं। विद्युत लाइन टॉवर से जोडने के दौरान चीनी- मिट्टी की बनी गिरारियों पर लटक कर भी विद्युत लाइन को आपस में कसना होता है।
इन दिनों समीपवर्ती भावा-मादडी गांव के बीच पॉवर ग्रिड से आने वाली विद्युत लाइनों के लिए करीब सवा सौ फीट ऊंचे टॉवरों पर लाइन बिछाने का काम चल रहा है। इन टॉवरों पर कार्यरत श्रमिकों को देख कर तो यह बात अक्षरक्ष सत्य साबित होती है। टॉवर पर काम करने वाले केकडी निवासी रमेश गुर्जर व कालूलाल माली ने बताया कि यह काम करने के लिए एक अलग ही जुनून चाहिए।
उन्हें तो इस काम में दक्षता हासिल हो गई है, लेकिन यह काम करने के दौरान डर से दूर-दूर तक का कोई नाता नहीं होना चाहिए। क्यो कि, अगर जरा से चूके तो गए काम से। टॉवर पर कार्य करने वाले अघिसंख्य श्रमिक एक दशक से भी अघिक समय से इस कार्य से जुडे हुए हैं।
एकाग्रता से कार्यटॉवर पर काम करने वाले बिल्या निवासी हेमराज जाट, आर गणेश, जयनारायण व भूपेन्द्र सिंह ने बताया कि यह कार्य ऊंचाई के साथ में तकनीकी से भी जुडा हुआ है। इसलिए एकाग्रता पर पूर्ण ध्यान दिया जाता है।
देखते ही देखते चढ गएटॉवर पर चढने के लिए फूर्ति होना भी आवश्यक है। इस पर कार्य करने वाले श्रमिक एक मिनट के समय के भीतर ही 120 फीट ऊंचे टॉवर के अंतिम छोर पर पहुंच जाते हैं। विद्युत लाइन टॉवर से जोडने के दौरान चीनी- मिट्टी की बनी गिरारियों पर लटक कर भी विद्युत लाइन को आपस में कसना होता है।
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